Radioactive Uranium In Breast Milk May Cause Cancer: हाल ही में प्रकाशित कुछ वैज्ञानिक अध्ययनों (खासकर इराक के फालुजा क्षेत्र की 2010-2012 की स्टडी) में मां के ब्रेस्ट मिल्क में Radioactive Uranium (खास तौर पर डिप्लेटेड यूरेनियम – DU) के निशान पाए गए हैं। यह Uranium प्राकृतिक रूप से बहुत कम मात्रा में पर्यावरण में मौजूद रहता है, लेकिन युद्ध क्षेत्रों में इस्तेमाल हुए गोला-बारूद (डिप्लेटेड यूरेनियम बुलेट्स और बॉम्ब्स) के कारण यह मिट्टी, पानी और हवा में फैल जाता है। वहां की महिलाओं के दूध में सामान्य से 10-20 गुना ज्यादा यूरेनियम पाया गया।
यूरेनियम ब्रेस्ट मिल्क में कैसे पहुंचता है?
- मां प्रदूषित पानी पीती है – यूरेनियम शरीर में जमा होता है
- प्रदूषित सब्जी-अनाज खाती है – भारी धातु खून में जाती है
- सांस के जरिए धूल के कण फेफड़ों में – फिर खून में
- गर्भावस्था में प्लेसेंटा के जरिए बच्चे तक पहुंच चुका होता है
- जन्म के बाद स्तनपान के दौरान मां का खून दूध बनाता है – यूरेनियम दूध में आ जाता है
यूरेनियम वसा में घुलनशील (fat-soluble) नहीं होता, इसलिए दूध में इसकी मात्रा बहुत कम होती है, लेकिन रेडियोएक्टिव होने की वजह से उसकी टॉक्सिसिटी बहुत ज्यादा होती है।
नवजात शिशु को कितना खतरा?
- नवजात का वजन सिर्फ 2.5-4 किलो होता है – प्रति किलो शरीर में ज्यादा डोज पड़ता है
- किडनी अभी पूरी तरह विकसित नहीं होती – यूरेनियम का 90% हिस्सा किडनी से ही निकलता है – किडनी पर भारी बोझ
- डीएनए डैमेज और कैंसर का खतरा लंबे समय में बढ़ जाता है
- फालुजा में 2005 के बाद जन्मे बच्चों में कैंसर दर 12-15 गुना और जन्मजात विकृति 8-10 गुना बढ़ी (ब्रिटिश मेडिकल जनरल स्टडी)
- एक माइक्रोग्राम यूरेनियम भी शिशु के लिए खतरनाक हो सकता है अगर लगातार मिलता रहे
भारत में क्या स्थिति है?
भारत में अभी तक बड़े स्तर पर ब्रेस्ट मिल्क में यूरेनियम की जांच नहीं हुई है, लेकिन राजस्थान, पंजाब, हरियाणा के कुछ इलाकों में भूजल में यूरेनियम 50-500 μg/L तक पाया गया (WHO लिमिट सिर्फ 30 μg/L)पंजाब में कैंसर के केस बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं (कैंसर ट्रेन प्रसिद्ध है) 2021 में भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर की एक स्टडी में पंजाब की कुछ महिलाओं के दूध में नॉर्मल से ज्यादा भारी धातु मिली थी (हालांकि पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई)
क्या करें? बचाव के उपाय
- प्रदूषित इलाकों में RO + यूरेनियम रिमूवल फिल्टर लगवाएं
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं पैकेज्ड मिनरल वॉटर (जिसमें यूरेनियम टेस्ट हो) पिएं
- हरी सब्जियां अच्छे से धोएं, छिलके वाली सब्जियां ज्यादा लें
- सरकार से मांग करें कि भूजल में यूरेनियम की नियमित जांच हो
- अगर इलाका प्रभावित है तो 6 महीने बाद फॉर्मूला मिल्क पर शिफ्ट करने पर डॉक्टर से सलाह लें
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