रीवा में रेबीज का कहर, कुत्ता-सियार काटने से दो लोगों की दर्दनाक मौत, वैक्सीन फेल होने पर सवाल

Rabies in rewa

Rabies havoc in Rewa painful death of two people: मध्यप्रदेश के रीवा जिले में रेबीज संक्रमण ने दो लोगों की जान ले ली है। एक मामले में कुत्ते के काटने से गुड़ निवासी सुधीर पांडे पिता विनायक प्रसाद पांडे की इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि दूसरे में सियार के हमले से बैढ़न निवासी दीनदयाल साकेत पिता सुदीन साकेत की जान चली गई। दोनों ही मामलों में रेबीज के इंजेक्शन लगाए जाने के बावजूद संक्रमण फैल गया, जिससे इलाके में दहशत फैल गई है। स्वास्थ्य विभाग ने जागरूकता अभियान तेज करने की बात कही है।

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कुत्ते के काटने से सुधीर पांडे की मौत

परिजनों के अनुसार, सुधीर को हाल ही में एक कुत्ते ने काट लिया था। काटने के बाद उन्होंने तुरंत रेबीज का इंजेक्शन लगवाया, लेकिन संक्रमण शरीर में फैल गया। उनकी तबीयत बिगड़ने पर कल शाम संजय गांधी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि सुधीर पूरी तरह स्वस्थ थे, लेकिन रेबीज के लक्षण दिखने के बाद कुछ ही घंटों में उनकी हालत नाजुक हो गई। यह घटना जिले में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या को लेकर चिंता बढ़ा रही है।

सियार के हमले से दीनदयाल साकेत का निधन

दूसरी घटना 1 अक्टूबर को बैढ़न के मैदान में घटी, जब दीनदयाल सुबह टहलने गए थे। तभी एक सियार ने उन पर हमला कर काट लिया। घायल दीनदयाल को सिंगरौली ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां उन्हें दो रेबीज डोज दी गईं। फिर भी, संक्रमण फैलने से उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि सियार अचानक हमला करने वाले थे, और इलाके में ऐसे जंगली जानवरों की मौजूदगी अब खतरा बन रही है।

रेबीज वैक्सीन पर उठे सवाल

दोनों मौतों ने रेबीज वैक्सीन की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, रेबीज एक घातक वायरल बीमारी है, जो काटने के बाद तुरंत पूर्ण कोर्स (आमतौर पर 4-5 डोज) लगवाने पर ही रोकी जा सकती है। देरी या अधूरी डोज से संक्रमण दिमाग तक पहुंच जाता है, जो 100% घातक साबित होता है।

जिले में दहशत का माहौल

इन घटनाओं से जिले में दहशत का माहौल है। स्थानीय लोग आवारा जानवरों की समस्या को लेकर प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने सभी सरकारी अस्पतालों में रेबीज वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित की है और जागरूकता शिविर आयोजित करने की योजना बनाई है। वर्तमान में मध्यप्रदेश में रेबीज से सालाना दर्जनों मौतें हो रही हैं, जो वैक्सीनेशन की अनदेखी का नतीजा हैं।

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