Raat ko 3-4 Baje Nind Kyo Khul Jati Hai: रात के सन्नाटे में यदि आपकी नींद भी तीन या चार बजे के बीच अचानक से खुल जाती है तो जान लीजिए यह कोई सामान्य घटना नहीं बल्कि आध्यात्मिक संकेत(signs of spiritual alignment) है। सनातन धर्म में इस समय को ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है। यदि आपकी भी ब्रह्म मुहूर्त के समय अपने आप नींद खुल जाती है तो इसका मतलब आपसे ब्रह्मांड कुछ विशेष संवाद साधने की कोशिश कर रहा है। यह समय आत्म साक्षात्कार का समय होता है ऐसे में इस समय यदि आपकी नींद खुलती है तो आपको करने होंगे कुछ आसान काम जिससे आपका भाग्य बदल जाएगा।
ब्रह्म मुहूर्त में नींद खुलने के क्या संकेत होते हैं (reason of getting up at 3-4 o’clock in night)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि आपकी नींद भी तीन या चार बजे के बीच अपने आप खुल जाती है तो इसका मतलब आप पर देवताओं की विशेष कृपा बनी हुई है। यह वह समय होता है जब ब्रह्मा विष्णु महेश जैसी ऊर्जा का उच्चतम जुड़ा होता है। इस दौरान नींद खुलने के बाद यदि आप विशेष काम करते हैं तो आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आना शुरू हो जाते हैं। आईए जानते हैं यदि आपकी नींद भी इस दौरान खुलता है तो आपको क्या करना चाहिए।
इस समय नींद खुलने को क्यों शुभ माना जाता है (signs of good luck)
कहा जाता है कि इस मुहूर्त में यदि किसी व्यक्ति की नींद खुलती है तो उसका अर्थ है उसकी आध्यात्मिक ऊर्जा ऊपर की ओर उठ रही है। यदि इस दौरान आपकी नींद खुल जाती है तो फिर से सोने की बजाय कुछ विशेष कार्य करना जरूरी है क्योंकि यह समय देवताओं की उपासना और आध्यात्मिक चेतना को जगाने के लिए विशेष समय माना जाता है।
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ब्रह्म मुहूर्त में नींद खुलने पर क्या करें
- यदि आपकी नींद भी ब्रह्म मुहूर्त में खुल जाती है तो आपको उठते ही पलंग या चटाई पर बैठकर मंत्र जाप शुरू कर देना चाहिए।
- मंत्र जाप करते समय आपके मन को शांत रखना चाहिए।
- यदि आप इस दौरान उठ जाते हैं तो गलती से भी इस दौरान भारी भरकम क्रियाएं ना करें मोबाइल से दूरी बनाएं और मानसिक तनाव या मन को विचलित करने वाले कार्य न करें ।
- कोशिश करें कि इस दौरान आप अपनी आध्यात्मिक चेतना को जगाएं ।
- आप चाहे तो इस दौरान किसी स्पिरिचुअल म्यूजिक या स्पिरिचुअल संगीत को चलकर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
- यदि आपको कोई विशेष मंत्र का ज्ञान है तो इस दौरान आप उस मंत्र का जाप आरंभ कर सकते हैं ।
- कोशिश करें कि ब्रह्म मुहूर्त के समय आप किसी और क्रिया में ना उलझे केवल मंत्र या ध्यान ही करें ताकि आप ब्रह्मांड की ऊर्जा से अपने आप को जोड़ पाए और ईश्वर द्वारा दिए गए संकेत को समझें।