PSU Bank Merger: हमारे देश भारत के बैंकिंग सेक्टर में एक बार फिर बड़े बदलाव की आहट तेज हो गई है। केंद्र सरकार के द्वारा पब्लिक क्षेत्र में बैंकों को अधिक मजबूत और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाने के लिए नए पीएसयू बैंक मर्जर की तैयारी कर रही है। शुरुआती संकेतों को देखते हुए सरकार 12 छोटे वह मझले सरकारी बैंकों को मिलाकर 6 बड़े मेगा बैंक बनाने की योजना पर काम करने वाली है। इसकी आधिकारिक घोषणा भले ही अभी नहीं की गई हो लेकिन फाइनेंशियल कामों से इस बात की चर्चाएं तेज है।
किन बैंकों का हो सकता है मर्जर?
हालांकि प्राप्त जानकारी के अनुसार मर्जर योजना के दायरे में मुख्य रूप से भारतीय ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया,पंजाब एंड सिंध बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूको बैंक और बैंक ऑफ इंडिया आदि जैसे बैंक शामिल है। इन्हें आपस में मिलाया जा सकता है या किसी बड़े बैंकिंग समूचा से एसबीआई, पीएनबी और बैंक ऑफ़ बड़ोदा जैसे में शामिल किया जा सकता है। वित्त मंत्रालय वर्षों से छोटे-छोटे बैंकों की वित्तीय स्थिति, पूंजी और परिचालन क्षमता का अच्छी तरह अध्ययन कर रही है।
सरकार का उद्देश्य क्या है?
बैंक से जुड़े विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि प्रस्तावित पीएसयू बैंक मर्जर का मुख्य उद्देश्य पब्लिक सेक्टर के बैंकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा योग्य बनाना है। बड़े बैंक अधिक पूंजी जुटाना जोखिम को कम करने, उच्च मूल के लोन को देने और तकनीक आधारित सेवाओं को विकसित करने में सक्षम होते हैं। सरकार ऐसा चाहती है कि भारतीय बैंक प्रणाली मजबूत हो जाए और डिजिटल बैंकिंग तथा fintec सेक्टर में बढ़ते दबाव का सामना कर पाए।

ग्राहकों पर क्या पड़ेगा असर?
नए मर्जर का सीधा असर करोड़ों ग्राहकों पर होगा। हालांकि ग्राहकों के जमा धन पर किसी प्रकार का खतरा नहीं होगा। लेकिन बैंक कोड, शाखा नाम, IFSC कोड और खाते से जुड़े कुछ तकनीकी विवरण बदले जा सकते हैं।
इसके अलावा, डिजिटल बैंकिंग सेवाओं में भी कुछ समय के लिए तकनीकी अपग्रेडेशन के कारण बदलाव देखने को मिल सकता है, लंबे समय में ग्राहकों को तेज और आधुनिक बैंकिंग सुविधाएँ मिलेंगी।
कब हो सकता है ये ऐलान?
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, योजना पर अंतिम निर्णय अगले वित्त वर्ष तक लिए जाने की संभावना की जा रही है। माना जा रहा है कि मर्जर की प्रक्रिया कई चरणों में लागू होगी, जिससे बैंकों और ग्राहकों पर अचानक दबाव न पड़े।
कुल मिलाकर, प्रस्तावित PSU Bank Merger भारतीय बैंकिंग ढांचे को नया आयाम दे सकता है। यदि योजना लागू हो जाती है, तो देश में छह बड़े और मजबूत सरकारी बैंक अस्तित्व में आ जाएगी। जिनका आकार और क्षमता वर्तमान स्थिति की तुलना में कई गुना अधिक होगी। यह कदम अर्थव्यवस्था को दीर्घकालिक लाभ पहुँचा सकता है।
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