आधे इंडियन्स ने छोड़ी घर खरीदने की उम्मीद? Expert ने बता दिया ‘सट्टे’ का गणित

Property Buying In India: अपना घर खरीदने का सपना किसका नहीं होता है, हर आदमी चाहता है की उसका खुद का घर हो जी हां यह सपना लाखों मध्यमवर्गीय भारतीयों के लिए अब सपना ही बनता जा रहा है. एक CA ने पोस्ट के जरिए बताया है कि कैसे भारत का रियल एस्टेट सेक्टर अब सुरक्षा का रास्ता नहीं है, बल्कि असमानता का गढ़ बन गया है. इस पोस्ट के मुताबिक, 59 फीसदी भारतीयों ने घर खरीदने की उम्मीद ही छोड़ दी है.

आखिर क्यों ऐसा हुआ

चलिए बताते हैं इसे पीछे की क्या वजहें बताई है, गौर करने वाली बात यह है कि इसका कारण सिर्फ बढ़ती कीमतें नहीं, बल्कि एक ऐसा टूटा हुआ सिस्टम है जो वेतनभोगी वर्ग को किनारे करके सट्टेबाजी से धन कमाने वालों को बढ़ावा दे रहा है. इस पोस्ट से यह पता चलता है कि कैसे पिछले 5 सालों में बड़े शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतें दोगुनी हो गई हैं, जबकि औसत आय में मामूली बढ़ोतरी हुई है. इससे घर खरीदना लगभग नामुमकिन सा होता जा रहा है.

Online बाजार में मचा दिया हलचल

इस पोस्ट ने ऑनलाइन जगत में हलचल मचा दी. पोस्ट ने भारत के हाउसिंग संकट को आंकड़ों के साथ उजागर किया गया है. पोस्ट बताती है कि लाखों मध्यम वर्ग के भारतीय घर खरीदने से वंचित हो रहे हैं. सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म ‘एक्‍स’ पर किए गए पोस्ट के अनुसार, 59% भारतीयों ने घर खरीदने की उम्मीद छोड़ दी है. यह उनकी पसंद नहीं है, बल्कि बढ़ती कीमतों के कारण है.

सट्टेबाजी का जिक्र क्यों

आपको भी यही लगा होगा की ऐसा महंगाई के कारण हो रहा है लेकिन हाँ महंगाई एक समस्या है, पर पोस्ट में एक ऐसी व्यवस्था को दोषी ठहराया गया है जो वेतन पाने वाले लोगों को पीछे छोड़ देती है. सट्टेबाजी से होने वाली कमाई को बढ़ावा देती है. पिछले 5 सालों में भारत के टॉप शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतें दोगुनी हो गई हैं. 2018 में कीमतें 5,500 रुपये प्रति वर्ग फीट थीं, जो 2023 में बढ़कर 11,000 रुपये हो गईं. इसके उलट औसत सैलरी में मामूली बढ़ोतरी हुई है. 2019 में सैलरी 1.35 लाख रुपये प्रति वर्ष थी, जो 2024 में बढ़कर 1.80 लाख रुपये हो गई, यानी सिर्फ 33% की बढ़ोतरी ऐसे में यहीं इंसान मात खा जाता है.

Welcome to the great indian inequality

कौशिक ने पोस्ट में लिखा, वेलकम टू द ग्रेट इंडियन इनइक्वलिटी इसका मतलब साफ है कि, भारत में असमानता बढ़ रही है. पोस्ट में यह भी कहा गया है कि होम लोन के लिए 5-20-40 का नियम अब काम नहीं करता है. इस नियम के अनुसार, अगर आपकी सालाना इनकम 10 लाख रुपये है तो भी आप 2 करोड़ रुपये का घर नहीं खरीद सकते. इसके लिए आपको 20 साल तक अपनी पूरी सैलरी बचानी होगी.

चल रहा है काले धन का स‍िस्‍टम?

पोस्ट में दावा किया है कि, काले धन से यह सिस्टम चल रहा है. 1 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी पर 32.5 लाख रुपये का टैक्स लगना चाहिए. लेकिन, लोग प्रॉपर्टी को कम कीमत पर रजिस्टर कराते हैं और बाकी पैसा कैश में देते हैं. इससे टैक्स की चोरी होती है. सरकार को सिर्फ 10% टैक्स मिलता है. यह सिस्टम आपको बेहतर तरीके से धोखा देना सिखाता है, न कि बेहतर तरीके से कमाना.

वास्तविक बायर पीछे छूट जाता है

आज के समय में लोग घरों को रहने की जगह नहीं, बल्कि धन रखने की जगह मानने लगे हैं. पोस्ट में बताया है कि कैसे अमीर लोग प्री-लॉन्च में बल्क में प्रॉपर्टी खरीदते हैं, कृषि आय पर छूट लेते हैं और टैक्स में छूट पाने के लिए जमीन के सौदे करते हैं. इससे वे प्रॉपर्टी को टैक्स बचाने का जरिया बना लेते हैं. इसका नतीजा यह होता है कि निवेशक लगातार प्रॉपर्टी खरीदते रहते हैं और जो लोग वास्तव में मकान खरीदना चाहते हैं, वे पीछे रह जाते हैं.

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