भोपाल। एमपी में 10 वर्षो से प्रमोशन की उम्मीद पर बैठे लाखों अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए गुड़ न्यूज आ रही हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ऐलान किया है कि प्रमोशन में जो बाधा आ रही थी, उसे हटाने का रास्ता निकाल लिया गया है। सरकार जल्द ही प्रमोशन को लेकर प्रस्ताव कैबिनेट में लाएगी और इससे एमपी के तकरीबन 4 लाख अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रमोशन का लाभ मिलेगा।
विभागों में शुरू हुई हलचल
अप्रैल 2016 से प्रमोशन बंद होने के बाद तकरीबन 9 साल बाद सरकार प्रमोशन का फॉर्मूला तैयार किया है, हांलाकि इस अवधि में एक लाख से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए है। प्रमोशन को लेकर विभागों में भी हलचल तेज हो गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने भी सभी विभागों को कहा है कि कैबिनेट से प्रमोशन के नियमों को मंजूरी मिलने के बाद विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक कर आदेश जारी करें।
इन्हे मिलेगा प्रमोशन का ज्यादा लाभ
प्रमोशन की चल रही तैयारी के बीच इसका लाभ सबसे ज्यादा एमपी में काम कर रहे 5 लाख तृतीय श्रेणी कर्मचारीयों को मिलेगा, क्योकि इसी अनुपात में इनका प्रमोशन होगा। असल में शासकीय सेवकों को नौकरी ज्वाइंन करने के 10 साल बाद प्रमोशन मिलता है। जिन अधिकारियों-कर्मचारियों ने 2014-15 में नौकरी शुरू किए है, उन्हे भी प्रमोशन का लाभ मिलेगा। सरकार के इस निणर्य से बेरोजगार युवकों को मौका मिलेगा, क्योकि खाली पदों को प्रमोशन से भरा जाएगा तो वही निचले स्तर पर खाली होने वाले पदों पर भर्ती की जाएगी और युवाओं को नौकारी करने का मौका मिलेगा।
वरिष्ठता के आधार पर प्रमोशन
मंत्रालय से जो जानकारी निकल कर सामने आ रही है उसके तहत कर्मचारियों का वरिष्ठता के आधार पर प्रमोशन किया जाएगा। प्रमोशन पाने वाले कर्मचारियों को 1 अप्रैल 2025 से आर्थिक लाभ दिए जाने की उम्मीद है। वहीं सूत्रों का कहना है कि वरिष्ठ पद का आर्थिक लाभ देने के लिए कार्यवाहक पदों पर दी गई अस्थायी पदोन्नति देने के लिए फिर से डीपीसी होगी।