BRICS Summit 2024 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस में 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद स्वदेश लौट आए हैं। सामरिक दृष्टि से उनका यह दौरा काफी महत्वपूर्ण रहा। दुनिया में कई मोर्चों पर लड़ी जा रही जंग के बीच पीएम मोदी ने कज़ान शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ-साथ कई राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की, लेकिन आकर्षण का केंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय मुलाकात रही। ऐसे में इस बात पर गौर करने की जरूरत है कि भारत इस शिखर सम्मेलन से क्या हासिल कर पाया है।
जब मोदी और जिनपिंग ने 5 साल बाद बात की। BRICS Summit 2024
पीएम मोदी के इस पूरे दौरे की सबसे बड़ी ‘उपलब्धि’ चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ उनकी द्विपक्षीय मुलाकात रही। 2020 में गलवान घाटी में जो कुछ हुआ, उसके बाद दोनों देशों के रिश्तों में कड़वाहट आसमान छू रही थी। लेकिन इस शिखर सम्मेलन के जरिए भारत और चीन के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने लगी और दोनों बातचीत की मेज पर आ पाए। पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बुधवार को कज़ान शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर द्विपक्षीय बैठक की। यह मुलाकात करीब 50 मिनट तक चली। इस दौरान दोनों नेताओं ने एलएसी पर सैन्य गतिरोध खत्म करने पर बनी सहमति पर सकारात्मक रुख अपनाया।
अशांति के दौर में एक बार फिर शांति की नाकाम कोशिश।
पीएम मोदी ने भारत और चीन के बीच विवादों और मतभेदों को सही तरीके से सुलझाने पर जोर दिया और कहा कि किसी भी हालत में शांति भंग नहीं होने दी जानी चाहिए। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह समूह युद्ध का नहीं, बल्कि संवाद और कूटनीति का समर्थन करता है। प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स के मंच से आतंकवाद और खिलाफ एकजुट होने की अपील की।
रूस-यूक्रेन युद्ध को सुलझाने में भारत शांतिदूत बन सकता है।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर रूस और यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख को दोहराया। उन्होंने पुतिन से कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाना चाहिए और इसके लिए भारत हरसंभव मदद के लिए तैयार है। रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष के मुद्दे पर हम लगातार संपर्क में हैं। हमारा मानना है कि समस्याओं का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान किया जाना चाहिए। हम शांति और स्थिरता की बहाली का पूरा समर्थन करते हैं। भारत हमेशा मानवता को प्राथमिकता देने का प्रयास करता है और यूक्रेन विवाद के समाधान के लिए हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।
ब्रिक्स का भविष्य कैसा होगा? BRICS Summit 2024
कज़ान में तीन दिवसीय ब्रिक्स शिखर सम्मेलन भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहा। भारत ब्रिक्स को वैश्विक संतुलन, विविधता और बहुलता के लिए एक महत्वपूर्ण मंच मानता है। ब्रिक्स सदस्य देशों का आर्थिक और सामाजिक विकास इसका आधार है। यह संगठन आने वाले वर्षों में व्यापार संबंधों को मजबूत करने पर जोर देगा। न्यू डेवलपमेंट बैंक, ब्रिक्स इंटरबैंक कोऑपरेशन मैकेनिज्म, ब्रिक्स बिजनेस काउंसिल और ब्रिक्स महिला बिजनेस अलायंस महत्वपूर्ण हैं।