Rewa News: रीवा जिले में स्वच्छता को लेकर सरकारी दावों की पोल उस समय खुल गई, जब जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) कार्यालय की दीवारें पान और गुटके की पीकों से रंगी हुई पाई गईं। हालात इतने बदतर हैं कि डीईओ का केबिन भी इस गंदगी से अछूता नहीं रहा।
हर कोने में गंदगी, कर्मचारियों ने शिक्षकों पर फोड़ा ठीकरा
शहर के शिल्पी प्लाजा स्थित डीईओ कार्यालय के छह कमरों में हर कोने में गंदगी साफ नजर आती है। कर्मचारियों से इस स्थिति के बारे में पूछने पर उन्होंने जिम्मेदारी शिक्षकों पर डाल दी। हालांकि, कई कर्मचारी खुद पान-गुटका खाते हुए देखे गए।
स्वच्छता में फाइव स्टार का दावा, हकीकत में सबसे गंदा कार्यालय
रीवा शहर को स्वच्छता रैंकिंग में फाइव स्टार रेटिंग प्राप्त है, लेकिन डीईओ कार्यालय की स्थिति देखकर यह दावा खोखला लगता है। कार्यालय की दीवारों और फर्श पर पसरी गंदगी और पीकों के दाग इसकी गवाही देते हैं। यदि स्वच्छता सर्वेक्षण टीम ने यह नजारा देखा होता, तो शायद शहर को एक स्टार भी नसीब नहीं होता।
अनुशासन सिखाने वाले खुद बने अनुशासनहीन
डीईओ कार्यालय में रोजाना शिक्षक, प्राचार्य और विभागीय अधिकारी आते हैं, जो बच्चों को अनुशासन और संस्कार सिखाने की बात करते हैं। लेकिन कार्यालय परिसर में उनकी लापरवाही और गंदगी के प्रति उदासीनता साफ दिखती है।
प्रभारी कलेक्टर ने जताई नाराजगी, डीईओ से मांगा स्पष्टीकरण
कार्यालय की गंदगी और पान-गुटके से सनी दीवारों की तस्वीरें सामने आने के बाद प्रभारी कलेक्टर डॉ. सौरभ संजय सोनवणे ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने इसे शर्मनाक बताते हुए कहा कि शासकीय कार्यालयों में स्वच्छता को लेकर शासन के स्पष्ट निर्देश हैं। उन्होंने डीईओ रामराज मिश्रा से लिखित स्पष्टीकरण मांगा है और चेतावनी दी कि असंतोषजनक जवाब पर सख्त कार्रवाई होगी।नोट: आर्टिकल को संक्षिप्त, स्पष्ट और प्रभावी बनाया गया है, साथ ही भाषा को और आकर्षक और पठनीय बनाया गया है। हेडलाइन में मुद्दे की गंभीरता को उजागर किया गया है।