राष्ट्रपति ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मंजूरी दे दी है। सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को उपराज्यपाल सचिवालय को इसकी जानकारी दे दी गई। मामला दिल्ली के सरकारी स्कूलों में क्लास रूम के निर्माण में 1300 करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़ा है। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने 17 फरवरी 2020 की अपनी रिपोर्ट में 2400 से ज्यादा क्लास रूम के निर्माण में अनियमितताओं को उजागर किया था।
इसके बाद 2022 में दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय ने जांच की सिफारिश कर मुख्य सचिव को रिपोर्ट सौंपी थी। फिलहाल मनीष सिसोदिया शराब घोटाले और सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच का सामना कर रहे हैं और दोनों जमानत पर हैं। इससे पहले 11 मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को सरकारी पैसे के दुरुपयोग के मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। केजरीवाल पर प्रचार के लिए बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाने में जनता के पैसे का दुरुपयोग करने का आरोप है। अदालत ने पुलिस से 18 मार्च तक मामले की स्थिति रिपोर्ट भी मांगी है।
मनीष सिसोदिया शराब घोटाला मामले में जमानत पर हैं। वे 17 महीने बाद 9 अगस्त 2024 को तिहाड़ जेल से बाहर आए। दोपहर में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े सीबीआई और ईडी के मामलों में जमानत दे दी। सिसोदिया को 26 फरवरी 2023 को सीबीआई ने भ्रष्टाचार के एक मामले में और 9 मार्च 2023 को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया था। तब से वे जेल में थे। सिसोदिया ने 28 फरवरी 2023 को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
जनवरी 2025 में भाजपा ने आरोप लगाया था कि आप ने कुछ योजनाओं के प्रचार पर बजट से ज्यादा खर्च किया है। भाजपा ने दावा किया था कि बिजनेस ब्लास्टर्स योजना के लिए 54 करोड़ रुपये जारी किए गए, जबकि इसके प्रचार पर 80 करोड़ रुपये खर्च किए गए। वहीं, मेंटर योजना के लिए 1.9 करोड़ रुपये का बजट रखा गया, जबकि योजना के प्रचार पर 27.9 करोड़ रुपये खर्च किए गए। पराली प्रबंधन योजना का बजट 77 लाख रुपये था, जबकि प्रचार पर 28 करोड़ रुपये खर्च किए गए।