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Beating Retreat Ceremony : क्या होता है बीटिंग रिट्रीट, जहां बग्घी पर सवार होकर पहुंची राष्ट्रपति मुर्मू 

Beating Retreat Ceremony : आज बुधवार को विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट समारोह आयोजित हुआ। यह गणतंत्र दिवस समारोह के समापन का प्रतीक के रूप ने मनाया जाता है। समारोह में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पारंपरिक रूप से बग्घी में सवार होकर विजय चौक पहुंची। उनके साथ पीएम मोदी और जगदीप धनखड़ भी समारोह में मौजूद रहें। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के स्वागत में तीनों सेनाओं ने बैंड बजाया। 

विजय चौक पर बीटिंग द रिट्रीट समारोह 

हर साल की तरह इस साल भी गणतंत्र दिवस के बाद नई दिल्ली के विजय चौक पर बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम का आयोजन  किया गया। इस राजकीय समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के साथ अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पारंपरिक रूप से बग्घी में सवार होकर समारोह में पहुंची। इसके बाद बीटिंग द रिट्रीट समारोह की शुरुआत तीनों सेनाओं ने बैंड से लोकप्रिय मार्चिंग धुनें बजाकर की।

क्या है बीटिंग द रिट्रीट समारोह | Beating Retreat Ceremony 2025

बीटिंग द रिट्रीट समारोह गणतंत्र दिवस समारोह की औपचारिक घोषणा होती है। यह चार दिवसीय समारोह 26 से लेकर 29 जनवरी के बीच मनाया जाता है, जिसमें विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होते हैं। इस दौरान सभी सरकारी भवनों को रोशनी से सजाया जाता है। वास्तव में बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम गणतंत्र दिवस समारोह के समापन का प्रतीक है। इसके साथ ही यह सेना को वापस बैरक में भेजने का आधिकारिक संदेश भी होता है।

तीनों सेना बजाती हैं पारंपरिक धुन | President Murmu

बीटिंग द रिट्रीट समारोह में देश की तीनों सेनाओं को शामिल किया जाता है। तीनों सेनाएं बैंड से पारंपरिक धुनों बजाकर एक पंक्ति में मार्चपास्ट करती हैं। यह सभी धुन सेनाओं के बैंड द्वारा बजायी जाती है और ‘अबाइड विद मी’ भी इसमें शामिल है। इसके आलावा ट्युबुलर घंटियों के माध्यम से चाइम्स बजाई जाती हैं। इसके बाद रिट्रीट का बिगुल वादन होता है, जब बैंड मास्टर राष्ट्रपति के पास जाते हैं और बैंड की विदाई की अनुमति मांगते हैं।

सारे जहां से अच्छा… गीत से होता है समापन 

इस कार्यक्रम का समापन राष्ट्रपति की अनुमति मिलने के बाद होता है। इसके लिए भी एक पारंपरिक प्रक्रिया का अनुसरण किया जाता है। जब राष्ट्रपति अनुमति देकर सूचित करते हैं कि गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों का समापन समारोह पूरा हो गया है तो ‘सारे जहां से अच्छा’ की लोकप्रिय धुन बजाई जाती है। इस धुन को बजाते हुए सेना बैंड वापस जाने लगती है। फिर शाम 6 बजे बगलर्स रिट्रीट की धुन बजाते हैं और तिरंगे को उतार लिया जाता है और कार्यक्रम समाप्त हो जाता है। 

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