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Rashtrapati Bhawan hall : जानिए राष्ट्रपति भवन के ‘दरबार हॉल’ और ‘अशोक हॉल’ का बदला नाम

President Draupadi Murmu : गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhawan hall) के दो प्रमुख हॉल का नाम बदल दिया है। द्रौपदी मुर्मू ने ‘दरबार हॉल’ का नाम ‘गणतंत्र मंडप’ और ‘अशोक हॉल’ का नाम बदलकर ‘अशोक मंडप’ रख दिया है। उन्होंने दोनों हॉल के नाम बदलने का आदेश देने के बाद एक बयान भी जारी किया। राष्ट्रपति भवन सचिवालय की ओर से जारी बयान में राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों हॉल के नाम बदलने का उद्देश्य राष्ट्रपति भवन के परिवेश को ‘भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और लोकाचार का प्रतिबिम्ब’ बनाना है।

राष्ट्रपति भवन के दो हॉल का नाम बदला

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बड़ा फैसला लेते हुए गुरुवार को एक आधिकारिक बयान जारी किया। जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhawan hall) के दो प्रमुख ‘दरबार हॉल’ और ‘अशोक हॉल’ के नाम बदलने का आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा कि अब ‘दरबार हॉल’ का नाम बदलकर ‘गणतंत्र मंडप’ और ‘अशोक हॉल’ का नाम बदलकर ‘अशोक मंडप’ होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बयान को राष्ट्रपति भवन सचिवालय की ओर से जारी किया गया है।

Rashtrapati Bhawan : Darbar Hall (left) and Ashok Hall (right)

राष्ट्रपति भवन संस्कृति का प्रतीक (Rashtrapati Bhawan hall)

सचिवालय से जारी बयान में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि दरबार हॉल और अशोक हॉल के नाम बदलने के पीछे केवल एक उद्देश्य है कि राष्ट्रपति भवन का माहौल सांस्कृतिक बने। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति भवन के परिवेश को ‘भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और लोकाचार का प्रतिबिम्ब’ बनाना है। राष्ट्रपति भवन, भारत के राष्ट्रपति का कार्यालय और निवास, राष्ट्र का प्रतीक और लोगों की अमूल्य विरासत है। इसे लोगों के लिए ज्यादा सुलभ बनाने के लिए लगातार कोशिश की जा रही है।’

दरबार अंग्रेजी सभ्यता का शब्द

राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhawan hall) के दरबार हॉल में राष्ट्रीय पुरुस्कारों से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। इस हॉल का नाम दरबार अंग्रेजी शासन के दौरान रखा गया था। दरबार शब्द अंग्रेजी सभाओं को प्रदर्शित करता है। गणतंत्र भारत में दरबार शब्द की प्रासंगिकता समाप्त हो चुकी है। चूँकि देश में अब गणतंत्र की अवधारणा है इसलिए हॉल का नाम गणतंत्र मंडप रखा जाना सबसे उपयुक्त है। जबकि अशोक हॉल के नाम में अशोक शब्द को नहीं बदला गया है। क्योंकि अशोक भारत के सम्राट अशोक थे। सम्राट अशोक शेर से भी अधिक शक्तिशाली और भारतीय सभ्यता को प्रदर्शित करने वाले प्रतिबिंब के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने सभी व्यक्तियों को दुखों से मुक्त किया। वह एकता और शांति का प्रतीक हैं। वीरता के कई पुरुस्कार अशोक चक्र के नाम से दिए जाते हैं।

‘मंडप’ से अंग्रेजी हुकूमत के निशान मिटेंगे

वहीं, हॉल के नाम में ‘मंडप’ शब्द का भी इस्तेमाल किया गया है। दोनों हॉल का नाम गणतंत्र मंडप और अशोक मंडप रखा गया है। इसमें हॉल शब्द अंग्रेजी भाषा का है। इसलिए इसे हटाकर हिंदी भाषा का शब्द मंडप रखा गया है। ‘मंडप’ भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करता है। भारत में अधिकतर सांस्कृतिक समारोह ‘मंडप’ में ही आयोजित होते हैं। इसलिए द्रौपदी मुर्मू ने हॉल का नाम मंडप कर दिया है। इससे अंग्रेजी हुकूमत जे निशान मिटाने का प्रयास बताया जा रहा है।

विपक्ष का केंद्र पर हमला (Rashtrapati Bhawan hall)

राष्ट्रपति भवन के दो हॉल का नाम बदले जाने पर विपक्ष ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गाँधी ने हॉल के नाम बदलने के पीछे सीधे तौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाथ बताया। उन्होंने कहा कि यह दरबार (राष्ट्रपति भवन) की अवधारणा नहीं है बल्कि शहंशाह (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) की अवधारणा है।

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