Presentation of Adi Shankaracharya play in Bharat Bhavan Bhopal: भारत भवन भोपाल में अद्वैत वेदांत भारतीय एकता और अखंडता के संदेश से ओतप्रोत नाटक आदिशंकराचार्य की प्रस्तुति हुई। रंगउत्सव नाट्य समिति द्वारा तैयार किये गए इस नाटक का सफल निर्देशन अंकित मिश्रा द्वारा किया गया। योगेश त्रिपाठी द्वारा लिखित नाटक में संगीत निर्देशन अभिषेक दुबे का था। करीब डेढ़ घंटे की अवधि के नाटक आदिशंकराचार्य में भारतीय अद्वैत वेदांत की झलक स्पष्ट दिखाई देती है। इस नाटक में दिखाया गया कि केरल के कलाडी गांव में जन्मे एक बालक ने अद्भुत जीवन उद्देश्य बनाया, सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए अपने पूरे जीवन को समर्पित कर दिया। जीवनपर्यन्त सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार किया व देश में चार मठो की स्थापना करने में सफल हुआ ।
नाटक में रीवा आने का भी जिक्र
नाटक में आदि शंकराचार्य के संपूर्ण जीवन, उनकी आध्यात्मिक यात्रा को दिखाया गया। यह भी दिखाया गया कि उस वक्त कई पंथ में बटे हुए हिन्दू धर्म को एक करना कितना कठिन कार्य था। इसके बाद भी शंकराचार्य ने चारो मठों की स्थापना की। नाटक के दौरान ही आदि शंकराचार्य के रीवा आने और फिर आगे नर्मदा की ओर धर्मयात्रा बढ़ने, के क्रम को दिखाया गया। शंकराचार्य ने माँ नर्मदा के प्रकोप को कैसे शांत करवाया यह दृश्य भी दिखाया। लगभग 30 से 35 कलाकारों द्वारा मंचित नाटक ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
जीवन हमें उत्कृष्ठ मार्ग प्रदान करता आदिशंकराचार्य का जीवन
निदेशक उद्बोधन में अंकित मिश्रा ने बताया कि आदिशंकराचार्य का जीवन हमें उत्कृष्ठ मार्ग प्रदान करता है। इस नाटक को करने में हमे हमारे सहयोगियों ने लगातार उत्साहित किया जिसके लिए मैं दिल से आभारी हूं। इस नाटक को तैयार करने में अनेक कठिनाई आईं उनके बाद भी कलाकरों ने अच्छी मेहनत की है। विशेकर हमारे संगीत निर्देशक अभिषेक दुबे जी और नृत्य निदेशक सपना जी एवं लेखक योगेश त्रिपाठी जी का मार्गदर्शन और स्नेह समय समय पर मिलता रहा है । हमारे शहर में दर्शक ही हमारे लिए सबसे बड़ी पूंजी है । एक और बात जो मैं जोड़ना चाहता हूं कि हमारे जन प्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी भी कला के संरक्षण संवर्धन में पूर्ण सहयोगी है ।
फ़िल्म अभिनेता राजीव वर्मा हुए प्रफुल्लित
फ़िल्म अभिनेता राजीव वर्मा ने भी पूरा नाटक देखा और कहा कि नाटक आदिशंकराचार्य को देखकर मैं प्रफुल्लित हूं। आज की युवा पीढ़ी और यह युवा कलाकार इन विचारों के साथ आगे बढ़ रहे हैं तो भविष्य बेहतर ही होने वाला है। यह नाटक इतना अच्छा प्रस्तुत हुआ इसके लिए रंग उत्सव नाट्य समिति की पूरी टीम साथ ही अंकित मिश्रा जो इसके निर्देशक है। अभिषेक दुबे जिन्होंने संगीत निर्देशन किया योगेश त्रिपाठी जी इसके लेखक सभी को मैं बधाई देता हूं। आप सभी आगे भी इस नाटक की प्रस्तुति करते रहें, शुभकामनाएं ।
इन कलाकारों ने किया अभिनय
नाटक में कलाकार सार्थक पाण्डेय ने बाल शंकराचार्य, शुभम पाण्डेय ने शंकराचार्य गौरव सिंह ने मंडन मिश्र,विशेष मिश्रा ने क्रकच की भूमिका निभाई साथ ही अनस मंसूरी,दीपक पटेल,साहिल दहिया,अरविंद पांडेय,रोहित सेन,लकी कुशवाहा,खुशी मिश्रा,भोला तिवारी,सौरभ नामदेव, रिचा पांडेय,संध्या सिंह,आदर्श दिक्षित,अभिषेक दुबे ,अमन साकेत,देवांशु निगम ,विजय तिवारी ,प्रभात मिश्रा ,सिद्धार्थ दयाल प्रजापति ,सिद्धार्थ दुबे, ,विभु सूरी,कोमल पांडेय,ग्लोरी जैसवाल,आरती यादव ,आरती कुशवाहा नवीन मिश्रा,अंकित मिश्रा, यजुश पांडेय ने विभिन्न किरदारो में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।