Mahakumbh 2025 : अगले वर्ष प्रयाग की धरती पर होने वाले महाकुंभ की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। 5600 करोड़ से अधिक की परियोजना से प्रयागराज को भव्य और सुंदर बनाया जा रहा है। कुंभ-19 में पूरी दुनिया प्रयागराज की ओर आकर्षित हुई। इस दौरान करीब 25 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। ये सभी इतने बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन के भागीदार बने। वहीं करीब 100 देशों के राजनयिक भी कुंभ-19 के भागीदार बने।
अधिकारियों को निर्देशित करते हुए योगी ने की प्रेस से वार्ता। Mahakumbh 2025
इन लोगों ने भारत की आध्यात्मिक और समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं का भी अवलोकन किया। इसी क्रम में दिव्य, भव्य और नए महाकुंभ-2025 के लिए विभिन्न विभागों द्वारा युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है। महाकुंभ-2025 की तैयारियों का जायजा लेने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की। सीएम ने कहा कि अधिकारियों को तय समय सीमा के भीतर तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।
महाकुंभ के दौरान संगम का जलस्तर करीब 10 हजार क्यूसेक रहता है।Mahakumbh 2025
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार के साथ ही केंद्र सरकार के विभाग भी आपसी समन्वय से अपने-अपने कार्यों को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ के आयोजन के समय संगम में जलस्तर 8 से 10 हजार क्यूसेक पानी होता है। वर्तमान में जलस्तर सवा दो लाख से ढाई लाख क्यूसेक पानी के बीच है। इसे रिसेट होने में 10-12 दिन लग सकते हैं।
यात्रियों की सुविधा के लिए 7 हजार से अधिक बसों का होगा संचालन ।
सीएम योगी ने कहा कि अधिकारियों को सभी निर्माण कार्य तय समय सीमा के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। सीएम योगी ने कहा कि इस बार महाकुंभ का दायरा पिछले महाकुंभ के मुकाबले दोगुने से भी अधिक क्षेत्र में फैला होगा। हमारा प्रयास रहेगा कि पीक डे यानी मुख्य पर्व जो 13 जनवरी से 26 फरवरी महाशिवरात्रि तक चलेगा। पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघ पूर्णिमा, शिवरात्रि को छोड़कर शेष दिनों में किसी भी श्रद्धालु को एक किलोमीटर से अधिक पैदल न चलना पड़े, इसके लिए परिवहन निगम की सात हजार से अधिक बसें संचालित की जाएंगी। इसके अलावा इलेक्ट्रिक बसों की भी व्यवस्था की जाएगी।
महाकुंभ 2025 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग
महाकुंभ-2025 के दौरान प्रयागराज की अलग ही छटा देखने को मिलेगी। सुरक्षा के भी विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भरपूर प्रयोग किया जाएगा। हम जीरो प्लास्टिक का लक्ष्य लेकर भी चल रहे हैं। इसके अलावा संगम के सभी नाले और सीवर टेप कर दिए गए हैं। बायोडिग्रेडेशन के जरिए शुद्धिकरण के बाद ही इन्हें डायवर्ट और डिस्चार्ज किया जाएगा। इस बार भी उनके सकारात्मक योगदान से महाकुंभ-2025 वैश्विक पटल पर अपनी छाप छोड़ेगा।
महाकुंभ आध्यात्म और संस्कृति की धरोहर है।Mahakumbh 2025
आपको बता दें कि महाकुंभ-2025 का लोगो जारी हो चुका है, जिसमें आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का समावेश देखने को मिल रहा है। योगी आदित्यनाथ ने संतों के साथ बैठक की। जिसमें सभी ने महाकुंभ से बेहद सकारात्मक भाव से जुड़ने की बात कही है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ के मुख्य आयोजक साधु-संत हैं, शासन-प्रशासन नैतिक व्यवस्था से जुड़े हैं। ऐसे में वे इसमें शामिल होकर इसे भव्य और दिव्य बनाएंगे। बैठक में 13 अखाड़ों के आचार्य, तीर्थ पुरोहित आदि मौजूद रहे।