मध्य प्रदेश में मतदाता सूची संशोधन की तैयारी, आधार लिंकिंग से 55-57 लाख नाम हटने की संभावना

Preparations to link voter ID with Aadhaar in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची को शुद्ध करने की व्यापक कवायद शुरू हो चुकी है। इस प्रक्रिया में मतदाता सूची को आधार कार्ड से जोड़ने का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है। चुनाव आयोग के अनुमान के अनुसार, इस शुद्धिकरण से प्रदेश की मतदाता सूची से 55 से 57 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जा सकते हैं, जो कुल मतदाताओं का 8 से 10 प्रतिशत है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य डुप्लिकेसी को खत्म करना और मतदाता सूची को अधिक सटीक बनाना है।

आधार लिंकिंग से डुप्लिकेसी पर लगेगी लगाम

चुनाव आयोग भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण अर्थात यूआईडीएआई के साथ मिलकर मतदाता सूची को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे रहा है। मध्य प्रदेश में सबसे बड़ी चुनौती डुप्लिकेसी की है, खासकर उन मतदाताओं के मामले में जो पलायन कर शहरी क्षेत्रों में आ गए हैं। ऐसे कई मतदाताओं के नाम उनके मूल निवास स्थान और वर्तमान निवास, दोनों की मतदाता सूचियों में दर्ज हैं। आधार लिंकिंग के बाद किसी मतदाता का नाम केवल एक ही स्थान पर रहेगा, जिससे सूची की विश्वसनीयता बढ़ेगी।

प्रशिक्षण और सत्यापन की व्यापक व्यवस्था

चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया को प्रभावी बनाने के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां शुरू की हैं। दो जिला निर्वाचन अधिकारियों और 173 बूथ लेवल ऑफिसर्स को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है, जो बदले में प्रदेश के 65,000 बीएलओ को प्रशिक्षित करेंगे। ये बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन करेंगे। इस कार्य में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा सख्ती बरती जा रही है ताकि कोई त्रुटि न रहे। अगले साल होने वाली आईपैड आधारित जनगणना से लोगों की सटीक लोकेशन प्राप्त होने की उम्मीद है, जो इस प्रक्रिया को और मजबूती देगी।

मतदाता संख्या में उतार-चढ़ाव

मध्य प्रदेश में मतदाता सूची में समय-समय पर बड़े बदलाव देखे गए हैं। आंकड़ों के अनुसार-

  • 2003-2008: में 16.69 लाख मतदाता कम हुए।
  • 2008-2013: पहली बार इतनी बड़ी संख्या में 1.03 करोड़ मतदाता बढ़े, जिसका कारण नए मतदाताओं का नामांकन बताया गया।
  • 2013-2018: 38.58 लाख मतदाता बढ़े।
  • 2023: 32 लाख नाम हटाए गए, लेकिन संशोधन आवेदनों के कारण मतदाता संख्या फिर बढ़ गई।वर्तमान में मध्य प्रदेश में 5.70 करोड़ मतदाता हैं, जो प्रदेश की कुल जनसंख्या का लगभग 65% है।

क्या होंगे आधार लिंकिंग के फायदे

मतदाता सूची में डुप्लिकेसी और गलत प्रविष्टियों को हटाने की यह प्रक्रिया न केवल चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएगी, बल्कि मतदाता डेटा की सटीकता को भी बढ़ाएगी। हालांकि, इतने बड़े पैमाने पर सत्यापन और आधार लिंकिंग का कार्य चुनौतीपूर्ण है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बीएलओ की पहुंच, तकनीकी संसाधनों की उपलब्धता और जनजागरूकता इस प्रक्रिया की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

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