Prem Chopra Villain Of Bollywood: भारतीय सिनेमा के स्वर्णिम इतिहास की जब-जब बात की जाएगी तब उसके खलनायकों में एक नाम सबकी जुबान पर बार-बार आएगा और वह नाम है प्रेम चोपड़ा का। जी हां दोस्तों प्रेम चोपड़ा का फेमस डायलॉग ‘प्रेम नाम है मेरा…… प्रेम चोपड़ा’ इतना ज्यादा पॉपुलर हुआ था कि यह उनके लिए ट्रेंड सेटर बन गया था।
जेम्स बॉन्ड 007 और अग्निपथ फ़िल्म के अमिताभ बच्चन अपना नाम बताते हुए डायलॉग से हीरो का इंट्रोडक्शन देते थे लेकिन प्रेम चोपड़ा ने अपना नाम बताते हुए लोगों को डरा दिया था। हालांकि प्रेम चोपड़ा ने अपने करियर की शुरुआत बहुत ही सकारात्मक भूमिकाओं से की थी।

सकारात्मक भूमिका से ज्यादा लोगों ने विलन के रोल में किया पसन्द
लाहौर में जन्मे प्रेम चोपड़ा का बचपन शिमला में बीता था। उन्हें बचपन से ही फिल्मों का शौक था और कॉलेज के दिनों में उन्होंने पत्रकारिता की पढ़ाई की थी। उसके बाद वह मुंबई आ गए। यहां कुछ दिन संघर्ष करने के बाद उन्हें छोटे मोटे रोल भी मिलने लगे। उन्होंने अपनी करियर की शुरुआत “वह कौन थी?” फिल्म से की जिसे मनोज कुमार द्वारा बनाया गया था और उसके बाद उन्हें मनोज कुमार के द्वारा ही दूसरा ब्रेक “शहीद” मूवी में दिया गया। इन दोनो फिल्मों में प्रेम चोपड़ा की सकारात्मक भूमिकाएं थीं, लेकिन उससे उन्हें उतनी पहचान नहीं मिली। जिसके बाद उन्होंने नकारात्मक भूमिकाओं की तरफ़ रुख़ किया और तब बॉलीवुड को उसका सबसे चहेता विलेन मिला।
क्यूं सबके चहेते विलेन बने प्रेम चोपड़ा
प्रेम चोपड़ा ने अपने करियर में हर तरह की भूमिका निभाई है। उन्होंने अपने करियर के शुरुआती दौर में सकारात्मक भूमिका निभाई, वहीं करियर के आखिरी समय पर कॉमिक और चरित्र भूमिकाएं भी निभाई। लेकिन जनता ने उन्हें सबसे ज्यादा उनकी नकारात्मक भूमिका में ही पसंद किया। उनके करियर की सबसे बड़ी सफलता भी उपकार फिल्म के रूप में मिली थी जिसमें निभाया उनका नेगेटिव किरदार बहुत पॉपुलर रहा।
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प्रेम चोपड़ा ने नकारात्मक किरदार निभाते हुए अभिनय को एक नई दिशा दी। वह नकारात्मक भूमिका निभाते हुए न चिल्लाते थे ,न ही एक्शन करते थे , बल्कि बेहद क्रूर हंसी के साथ अपने संवादों को ऐसे प्रेजेंट करते थे कि दर्शक उनसे डरने लगते थे।
एक साधारण सा डायलॉग जिसमें उनको अपना नाम बताना है उसे भी वह इस तरह से प्रेजेंट करते हैं कि लोगों को उनके किरदार से नफरत सी होने लगती है। 70s 80s के दौर की फिल्मों बॉबी, क्रांति, दो रास्ते, दोस्ताना में उनका यह ट्रेंड बहुत सफल भी रहा। उन्होंने अपने करियर में लगभग 380 से ज्यादा फिल्में की लेकिन उनके निभाए नकारात्मक किरदार लोगों को भुलाए नहीं भूलते हैं।
जब प्रेम चोपड़ा से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जनता ने उन्हें जिस रूप में पसंद किया उन्हें भी उन्होंने भी वही रूप खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया।
