Pregnancy Health Care In Winter : प्रेग्नेंसी में कफ-कोल्ड व दवाओं से परहेज़ सहित सुरक्षा-सावधानियां और घरेलू उपाय-गर्भावस्था महिला जीवन का सबसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण समय होता है। इस दौरान मां का हर छोटा-बड़ा स्वास्थ्य निर्णय सीधे गर्भस्थ शिशु के विकास को प्रभावित करता है। मौसम बदलने पर होने वाली सर्दी-जुकाम (Cold & Cough) आम समस्या है, लेकिन प्रेग्नेंसी में इसे सामान्य मानकर बिना डॉक्टर की सलाह दवाएं लेना नुकसानदायक हो सकता है। यह ज़रूरी नहीं कि हर गर्भवती महिला को सर्दी-जुकाम के सभी लक्षण दिखाई दें, इसलिए अनावश्यक दवाओं से बचाव और घरेलू सुरक्षा उपाय अपनाना ही सबसे सुरक्षित रास्ता है। गर्भावस्था में सर्दी-जुकाम को हल्के में न लें। जानें प्रेग्नेंसी में कफ और कोल्ड से होने वाले संभावित नुकसान, दवाओं के खतरे और सुरक्षित घरेलू उपाय, ताकि गर्भस्थ शिशु रहे स्वस्थ और सुरक्षित।प्रेग्नेंसी में भी कफ और कोल्ड से सेफ्टी ज़रूरी । दवाओं से पहले समझें खतरे,अपनाएं सुरक्षित घरेलू उपाय।
गर्भावस्था में कफ-कोल्ड होने पर क्यों बरतें विशेष सावधानी ?
क्योंकि प्रेग्नेंसी में इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, गर्भावस्था में कुछ दवाएं प्लेसेंटा के ज़रिये शिशु तक पहुंच सकती हैं।
इसके अलावा सामान्य दिखने वाली दवाएं भी हार्मोनल संतुलन बिगाड़ सकती हैं प्रेग्नेंसी के शुरुआती तीन महीने (First Trimester) में खतरा अधिक होता है इसीलिए कफ-कोल्ड होने पर बिना चिकत्स्कीय सलाह के कोई भी दवा लेने पर परहेज करना चाहिए।
प्रेग्नेंसी में सर्दी-जुकाम की दवाएं लेने से क्या हो सकते हैं नुकसान ?
गर्भस्थ शिशु पर दुष्प्रभाव ,शिशु के अंगों के विकास में बाधा,जन्मजात विकार (Birth Defects) का जोखिम तो होता ही है विशेष यह की भ्रूण की ग्रोथ धीमी होना हो सकती है जिससे बच्चा बीमार और बेहद कमजोर पैदा होगा। जबकि बच्चे के साथ मां के स्वास्थ्य पर भी इन दवाओं के कुछ साइड इफेक्ट हो सकते जैसे ब्लड प्रेशर असंतुलन, हार्मोनल गड़बड़ी और एलर्जी या अन्य प्रकार के साइड इफेट्स होने का खतरा होता है।
नोट – पैरासिटामोल, एंटी-बायोटिक, सिरप या नेज़ल ड्रॉप्स भी डॉक्टर की सलाह के बिना न लें।
गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित घरेलू उपाय (Home Remedies for Pregnancy Cold & Cough)
गुनगुना पानी और भाप – दिन में 2-3 बार भाप लेना नाक बंद होने में राहत देता है साथ ही गुनगुना पानी पीने से गले की खराश कम होती है। इसके गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु पर कोई दुष्प्रभव नहीं होते है।
हल्दी वाला दूध – रात में हल्दी मिला गुनगुना दूध इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक होता है और दोनों के लिए सुलभ होता है।
अदरक और शहद (सीमित मात्रा में) – सर्दी खांसी से यदि गले में जलन हो तो कफ सिरप की जगह भुनी हुई अदरक और शहद के साथ सिमित मात्रा में लें इससे गले की सूजन ,जलन और कफ में आराम होगा लेकिन यद् रहे शहद 1 चम्मच से अधिक न लें।
नमक के पानी से गरारे – सर्दी के मौसम में खांसी हो और खांसने से गले की सूजन और दर्द में राहत होगी और पर्याप्त नींद से जहां तनाव कम होता है वहीँ स्वस्थ शरीर खुद संक्रमण से लड़ने के लिए खुद को तैयार पाता है।
प्रेग्नेंसी में सर्दी-जुकाम से बचाव के उपाय
गर्भावस्था में महिलाओं को चाहिए की भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूरी बनाएं, हाइजीन का बेहद ख्याल रखें जिसके लिए हाथों की नियमित करती रहें और सफ़ाई साथ – साथ ठंडी चीज़ों से परहेज और पौष्टिक आहार, पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लें जबकि
ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़े हर समय पहने रहें और डेली सुबह की पर्याप्त धुप लें।
कब तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें ?
बुखार 100°F से अधिक हो
लगातार खांसी या सांस लेने में तकलीफ
सीने में दर्द
3-4 दिन में आराम न मिले तो फ़ौरन उसी डॉक्टर से संपर्क करें जो आपके प्रेग्नेंसी पीरियड में ट्रीट कर रहा है।
निष्कर्ष (Conclusion)-गर्भावस्था में सर्दी-जुकाम भले ही आम समस्या लगे, लेकिन लापरवाही या बिना सलाह दवाओं का सेवन माँ और शिशु दोनों के लिए जोखिम भरा हो सकता है। ऐसे में घरेलू, प्राकृतिक और सुरक्षित उपायों को प्राथमिकता देना चाहिए। यदि लक्षण बढ़ें, तो देर किए बिना डॉक्टर से संपर्क करना ही सबसे समझदारी भरा कदम है। सावधानी, संतुलित आहार और सही देखभाल से गर्भस्थ शिशु को सुरक्षित और स्वस्थ रखा जा सकता है।
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