Morgan Stanley ने की Indian Stock Market पर बड़ी भविष्यवाणी जी हां भारतीय शेयर बाजार में आज बुधवार को जबरदस्त खरीदारी देखी गई. Sensex और Nifty में पिछले सेशन में भारी गिरावट देखने को मिली उसके बाद बुधवार यानी आज शुरुआती सौदों के बाद तेजी देखने को मिली.
BSE Sensex कारोबार के दौरान 800 अंकों तक उछल गया था. और इसी दौरान, ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली की दिल खुश करने वाली एक रिपोर्ट सामने आई है. मॉर्गन स्टेनली ने की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, अगले एक साल में सेंसेक्स 1 लाख के एतिहासिक आंकड़े को टच कर सकता है.
कब होगा Sensex 1 लाख पार
इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय बाजार में आई गिरावट लंबी अवधि में निवेश करने का एक आकर्षक अवसर लेकर आया है. मॉर्गन स्टेनली ने जून 2026 के लिए अपने बेस केस सेंसेक्स टारगेट को रिवाइज किया है. लेटेस्ट रिपोर्ट में ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म ने भविष्यवाणी की है कि बुल केस आउटलुक के तहत इंडेक्स 1 लाख के जादुई अंक तक पहुंच जाएगा. जून 2026 तक सेंसेक्स बेस केस टारगेट 89,000 तय किया है, जो वर्तमान स्तरों से 8% की बढ़ोतरी को दिखाता है.
फर्म ने क्या कहा!
गौरतलब है कि, बुल केस में मॉर्गन स्टेनली ने अधिक अनुकूल मैक्रो और नीतिगत माहौल की कल्पना की है, जिससे जून 2026 तक सेंसेक्स 1 लाख तक पहुंच जाएगा. वहीं, बेस केस आउटलुक में, ब्रोकरेज का अनुमान है कि जून 2026 तक सेंसेक्स 89,000 तक पहुंच जाएगा. मॉर्गन स्टेनली के इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट रिधम देसाई और नयनत पारेख ने कहा, “सेंसेक्स के लिए हमारा नया टारगेट जून 2026 तक 89,000 (8% अपसाइड) है, जो हमारे नए आय अनुमानों में शामिल है और दिसंबर 2025 के टारगेट 82,000 से भी आगे है.” यह स्तर बताता है कि बीएसई सेंसेक्स 23.5x के ट्रेलिंग पी/ई मल्टीपल पर कारोबार करेगा, जो 25 साल के औसत 21x से आगे है.
कितना गिरेगा बाजार?
आपको बताएं इसके अलावा, मॉर्गन स्टेनली ने अपने मंदी के मामले में 20% संभावना बताई है, जिसमें जून 2026 तक सेंसेक्स 70 हजार तक गिर जाएगा. इस आउटलुक में कच्चे तेल की कीमतों में 100 डॉलर प्रति बैरल से अधिक की तेज बढ़ोतरी मानी गई है, जिसके कारण आरबीआई द्वारा आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए मौद्रिक सख्ती की जाएगी. इसमें अमेरिका में मंदी सहित वैश्विक विकास में महत्वपूर्ण मंदी को भी शामिल किया गया है. इन परिस्थितियों में, वित्त वर्ष 28 तक आय वृद्धि में सालाना 15% की कमी आने की उम्मीद है, जिसमें वित्त वर्ष 26 में गिरावट आएगी. बिगड़ते मैक्रो फंडामेंटल के जवाब में इक्विटी वैल्यूएशन में भी कमी आने की संभावना है.