Prashant Kishore : चर्चा का विषय बना प्रशान्त किशोर का बयान, नौ राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव होंगे अहम

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Prashant Kishore: प्रशांत किशोर ने मंगलवार को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह साफ है कि मोदी सरकार की लोकप्रियता और ताकत कम हुई है। नौ राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के नतीजे सरकार की दिशा तय करेंगे। अगर इन राज्यों के चुनाव के नतीजे बीजेपी के खिलाफ तो भाजपा की ताकत जरूर कम होगी।

भाजपा की लोकप्रियता में आई कमी : प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने कहा कि यह तय है कि मोदी और सरकार की ताकत कम हुई है। आने वाले ढाई साल में नौ राज्यों में होने वाले चुनाव के नतीजों से दिशा तय होगी। अगर नतीजे बीजेपी के खिलाफ आते हैं तो सरकार की स्थिरता पर सवाल जरूर उठेंगे। अगर बीजेपी इन राज्यों में अच्छा प्रदर्शन करती है तो उसकी ताकत बनी रहेगी। बता दें कि एक साल में जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा, असम, पश्चिम बंगाल, झारखंड, महाराष्ट्र, बिहार और तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव होने हैं।

बिहार में बीजेपी के पास कोई चेहरा नहीं है

प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में भाजपा के पास कोई चेहरा नहीं है, कोई प्रयास नहीं है और उनको लेकर कोई बात भी नहीं हो रही है। भाजपा ने अपने नेतृत्व को नीतीश कुमार के करीब ला दिया है। भाजपा के एक कार्यकर्ता का मानना है कि नीतीश कुमार के नाम पर विधायक चुनाव नहीं जीत सकते।

पीके ने कहा कि नीतीश कुमार भाजपा की मजबूरी हैं।Prashant Kishore

पीके ने आगे कहा कि कभी-कभी किस्मत भी अपने तरीके से काम करती है। भाजपा की मजबूरी है नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाए रखना, क्योंकि एनडीए गठबंधन में आरजेडी की अहम भूमिका है, दूसरा बिना नीतीश के भाजपा बिहार में कभी चुनाव नही जीत सकती और । यह भी जगजाहिर है कि नीतीश का मुख्यमंत्री बिहार में चुनाव नहीं जीत सकता। बिहार में भाजपा की हालत ऐसी है कि उसे न तो सर्टिफिकेट दिया जा सकता है और न ही छोड़ा जा सकता है।

शराबबंदी के बाद घर घर हो रही शराब की होम डिलीवरी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि ट्रिपल एस यानी- शराबबंदी, सर्वे (जमीन) और स्मार्ट मीटर नीतीश कुमार के राजनीतिक जीवन की आखिरी कील है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी सिर्फ कागजों पर है। जमीनी हकीकत यह है कि शराब की दुकानें बंद हो गई हैं, घर घर शराब की होम डिलीवरी की जा रही है उन्होंने कहा जन सुराज शुरू से ही शराबबंदी के खिलाफ रहा है और हमारा मानना है कि राजस्व के साथ राज्य की शिक्षा व्यवस्था में इसे लागू किया जा सकता है।

प्रशांत किशोर ने कहा आरजेडी अपने पतन की ओर । Prashant Kishore

प्रशांत किशोर ने आरजेडी पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि 2005 के बाद से आरजेडी लगभग अपने पतन के करीब है । आरजेडी और उनके गठबंधन को पहले भी कई सीटों पर असफलता हाथ लगी थी । पिछली बार महागठबंधन सरकार में आरजेडी का कोई योजदान नही था वह चुनाव भी नीतीश कुमार के चहरे पर जीता गया ।

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