Bihar Chunav 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही महीने बाकी हैं। सभी पार्टियां अपनी तैयारियों में लगी हैं। इस बीच जाने-माने चुनावी रणनीतिकार और जनसुराज पार्टी के सरंक्षक व बिहार के किंग मेकर प्रशांत किशोर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर नीतीश कुमार को लेकर उनकी भविष्यवाणी सही नहीं निकली, तो वे राजनीति छोड़ देंगे। जिसके बाद बिहार की सियासत में भूचाल आ गया है।
बिहार में प्रशांत कुमार का बड़ा दावा
प्रशांत किशोर ने बिहार की राजनीति को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि इस साल होने वाले चुनाव के बाद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि जेडीयू को इस बार केवल 25 सीटें भी नहीं मिलेंगी। किशोर का मानना है कि बिहार में 60% से ज्यादा लोग बदलाव चाहते हैं। उन्हें उम्मीद है कि अगले दो महीनों में यह पता चल जाएगा कि लोग किसे वोट देंगे—क्या वे फिर से उन पर भरोसा करेंगे जिन्होंने पहले निराश किया या किसी नए विकल्प को चुनेंगे। उनका कहना है कि नवंबर के बाद बिहार में नया मुख्यमंत्री बनेगा।
नीतीश कुमार की स्थिति पर सवाल
प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार की शारीरिक और मानसिक स्थिति पर भी बात की। उन्होंने कहा कि बिहार में बहुत लोग जानते हैं कि नीतीश कुमार इतनी अच्छी हालत में नहीं हैं कि बिहार का नेतृत्व कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश मंच पर प्रधानमंत्री मोदी का नाम तक भूल जाते हैं। राष्ट्रगान के दौरान उन्हें समझ में नहीं आता कि यह राष्ट्रगान है या कोई कव्वाली। पिछले एक साल में नीतीश ने मीडिया से बात भी नहीं की है। यदि वह खुद की देखभाल करने में सक्षम नहीं हैं, तो बिहार की देखभाल कैसे करेंगे? किशोर ने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह को भी यह पता नहीं है।
प्रशांत किहोर का भी भाजपा पर भी निशाना
प्रशांत किशोर ने कहा कि भाजपा अभी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाए रखने के लिए मजबूर है। भाजपा उन्हें इसलिए बनाए रखी है ताकि चुनाव तक व्यवस्था चलती रहे। उन्हें खुद भरोसा नहीं है कि वह अकेले चुनाव लड़ सकते हैं। इसलिए, वे नीतीश का सहारा ले रहे हैं।
मेरी बात गलत निकली तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा : Pk
प्रशांत किशोर ने कहा कि जेडीयू को इस बार 25 से भी कम सीटें मिलेंगी। और अगर ऐसा नहीं हुआ, तो वे राजनीति छोड़ देंगे। उनका कहना है कि चुनाव के बाद जेडीयू का अस्तित्व खतरे में पड़ेगा। उनका मानना है कि नीतीश कुमार की स्वीकार्यता अब बहुत कम रह गई है, सिर्फ 16-17%। जेडीयू के पास कोई मजबूत कार्यकर्ता नहीं हैं, सिर्फ नीतीश ही थे, जो अब नहीं रहे। इस बयान ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है।
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