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गोवा में सियासी भूचाल: भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद मंत्री गोविंद गौड़े को मंत्रिमंडल से हटाया गया

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (Pramod Sawant) ने 18 जून 2025 को कला एवं संस्कृति मंत्री गोविंद गौड़े (Govind Gaude)को अपने मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया। यह कार्रवाई गौड़े द्वारा आदिवासी कल्याण विभाग में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाने के करीब एक महीने बाद हुई, जो खुद सावंत के पास है।

आरोपों की शुरुआत:

25 मई 2025 को पोंडा में आयोजित एक प्रेरणा दिवस समारोह में गौड़े ने आदिवासी कल्याण विभाग की कार्यप्रणाली (Tribal Welfare Department Corruption Allegations) पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “विभाग को भारी मात्रा में करदाताओं का पैसा मिलता है, फिर भी कार्यक्रमों का आयोजन ठीक नहीं हो रहा। यह प्रशासन पर नियंत्रण की कमी दर्शाता है। ठेकेदारों की फाइलें श्रम शक्ति भवन में चुपके से निपटाई जाती हैं, और इसके लिए उनसे कुछ लिया जाता है। इन टिप्पणियों को मुख्यमंत्री पर अप्रत्यक्ष हमले के रूप में देखा गया, जिसके बाद सावंत ने “जिम्मेदार बयानों” की चेतावनी दी।

नुकसान नियंत्रण की कोशिश:

गौड़े ने 29 मई को यू-टर्न लेते हुए कहा कि उनके बयान को मीडिया ने गलत तरीके से पेश किया और उन्होंने सावंत पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगाया। उन्होंने दावा किया, “मुख्यमंत्री मेरे करीबी मित्र हैं। मैंने सिर्फ विभाग की व्यवस्था पर बात की थी।” गौड़े ने यूनाइटेड ट्राइबल्स एसोसिएशन्स अलायंस (UTAA) के जरिए समर्थन जुटाने की कोशिश भी की, लेकिन यह नाकाफी रही।

हटाने का फैसला:

बीजेपी के गोवा अध्यक्ष दामोदर नाइक ने बताया कि गौड़े को हटाने का फैसला सर्वसम्मति से लिया गया, जिसमें सरकार, पार्टी, और केंद्रीय नेतृत्व शामिल थे। नाइक ने कहा, “पार्टी अनुशासन सर्वोपरि है।” सावंत ने तीन हफ्ते पहले ही गौड़े को हटाने का मन बना लिया था, लेकिन दिल्ली से हरी झंडी का इंतजार था। गोवा के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई ने सावंत की सिफारिश स्वीकार कर गौड़े को तत्काल प्रभाव से मंत्रिमंडल से हटा दिया।

गौड़े की प्रतिक्रिया:

मंत्रिमंडल से हटाए जाने पर गौड़े ने ट्वीट किया, “गोवा क्रांति दिवस (18 जून) पर मुझे यह इनाम मिला है, क्योंकि मैंने वंचित समुदायों के लिए आवाज उठाई। मैं सत्य को चुनने के लिए मुक्त हूं।” उन्होंने इस फैसले को दबे-कुचले लोगों के लिए अपनी लड़ाई का हिस्सा बताया।

53 वर्षीय गौड़े, जो प्रियोल विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक हैं, 2017 में निर्दलीय विधायक के रूप में चुने गए थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के मंत्रिमंडल में शामिल हुए। 2022 में बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्होंने प्रियोल सीट बरकरार रखी और सावंत के मंत्रिमंडल में बने रहे। गौड़े पहले भी विवादों में रहे हैं, खासकर कला अकादमी के नवीकरण कार्य और फरवरी 2024 में 26 लाख रुपये के कथित गबन के आरोपों को लेकर।

विपक्ष का हमला:

गोवा कांग्रेस अध्यक्ष अमित पाटकर ने कहा कि गौड़े का हटाया जाना सावंत सरकार में भ्रष्टाचार को दबाने की कोशिश है। AAP गोवा अध्यक्ष अमित पालेकर और गोवा फॉरवर्ड पार्टी के नेता विजय सरदेसाई ने इसे राजनीतिक बदला बताया।

गौड़े के विभाग (कला एवं संस्कृति, खेल, ग्रामीण विकास) फिलहाल सावंत के पास रहेंगे। यह दूसरी बार है जब सावंत ने अपने पूर्ण कार्यकाल (2022 से) में किसी मंत्री को हटाया है; इससे पहले नवंबर 2023 में नीलेश काब्राल को PWD मंत्री पद से हटाया गया था। बीजेपी अब आदिवासी समुदाय से नए प्रतिनिधि को मंत्रिमंडल में शामिल करने पर विचार कर रही है।

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