कर्नाटक (Karnataka) की एक विशेष अदालत ने पूर्व जनता दल (सेकुलर) (Janata Dal (Secular)) सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा (H.D. Deve Gowda) के पोते प्रज्वल रेवन्ना (Prajwal Revanna) को रेप मामले में दोषी ठहराने के बाद आजीवन कारावास की सजा सुनाई। विशेष सत्र अदालत के जज संतोष गजानन भट (Santosh Gajanan Bhat) ने यह फैसला सुनाया, जो प्रज्वल के खिलाफ दर्ज चार रेप मामलों में से पहला है। यह मामला हासन (Hassan) जिले के होलेनरसीपुरा में रेवन्ना परिवार के गन्नीकड़ा फार्महाउस (Gannikada Farmhouse) में काम करने वाली 48 वर्षीय घरेलू सहायिका से संबंधित है, जिसने प्रज्वल पर 2021 में दो बार रेप और वीडियो रिकॉर्डिंग करने का आरोप लगाया था। प्रज्वल को दोषी ठहराए जाने के बाद वह कोर्ट में भावुक हो गए और रो पड़े।
मामले का विवरण और सबूतविशेष जांच दल (Special Investigation Team, SIT) ने इस मामले में 2,000 पन्नों की विस्तृत चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2)(k) (प्रभुत्व की स्थिति में रेप), 376(2)(n) (बार-बार रेप), 354A (यौन उत्पीड़न), 354B (कपड़े उतारने के इरादे से हमला), 354C (वॉयरिज्म), 506 (आपराधिक धमकी), 201 (सबूत नष्ट करना), और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66E (निजता उल्लंघन) के तहत आरोप शामिल थे। पीड़िता ने आरोप लगाया कि प्रज्वल ने 2021 में, कोविड लॉकडाउन के दौरान, हासन के फार्महाउस और बेंगलुरु के बसवनगुडी में उनके परिवार के घर पर उसका रेप किया। उसने दावा किया कि प्रज्वल ने इन कृत्यों को अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड किया और उसे वीडियो सार्वजनिक करने की धमकी देकर चुप रहने के लिए मजबूर किया।
मामले में प्रमुख सबूतों में एक वीडियो शामिल था, जिसमें पीड़िता को प्रतिरोध करते और रोते हुए देखा गया, हालांकि प्रज्वल का चेहरा दिखाई नहीं दिया। फोरेंसिक विश्लेषण ने पुष्टि की कि वीडियो में प्रज्वल ही था। इसके अलावा, पीड़िता की साड़ी, जिसे उसने फार्महाउस में रखा था, पर प्रज्वल का डीएनए पाया गया। एसआईटी ने 123 सबूत और 113 गवाहों के बयानों को जांच में शामिल किया, जिसके आधार पर कोर्ट ने प्रज्वल को दोषी ठहराया।
मामले की सुनवाई 2 मई 2025 को विशेष सत्र अदालत में शुरू हुई और 18 जुलाई को पूरी हुई। 14 महीनों में पूरी हुई यह सुनवाई, जिसमें 38 तारीखें और दैनिक सुनवाई शामिल थीं, एक हाई-प्रोफाइल मामले में तेजी से निपटारा मानी जाती है। अभियोजन पक्ष ने आजीवन कारावास की मांग की थी, और जज संतोष गजानन भट (Santosh Gajanan Bhat) ने 2 अगस्त को प्रज्वल को धारा 376(2) के तहत अधिकतम सजा, यानी आजीवन कारावास की सजा सुनाई। प्रज्वल ने कोर्ट में कम सजा की अपील की थी, यह कहते हुए कि उनकी एकमात्र गलती “राजनीति में तेजी से उभरना” थी और वह एक बीई (मैकेनिकल) (BE Mechanical) स्नातक हैं, जो हमेशा मेरिट पर पास हुए हैं। उन्होंने कहा, “मैंने अपने माता-पिता को छह महीने से नहीं देखा। कृपया मुझे कम सजा दें।” लेकिन कोर्ट ने उनके तर्कों को खारिज कर दिया।
प्रज्वल रेवन्ना (Prajwal Revanna), जो हासन से पूर्व सांसद और जेडी(एस) (JD(S)) नेता थे, के खिलाफ 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अप्रैल में यह मामला तब सुर्खियों में आया, जब हासन में 2,000 से अधिक अश्लील वीडियो क्लिप पेन ड्राइव के जरिए और सोशल मीडिया पर वायरल हुए। इन वीडियोज में कथित तौर पर प्रज्वल द्वारा कई महिलाओं के यौन शोषण की घटनाएं थीं। इस कांड के बाद प्रज्वल जर्मनी भाग गए थे, जिसके लिए उन्होंने कथित तौर पर अपने डिप्लोमैटिक पासपोर्ट (Diplomatic Passport) का इस्तेमाल किया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को पत्र लिखकर प्रज्वल का पासपोर्ट रद्द करने की मांग की थी। 31 मई 2024 को बेंगलुरु हवाई अड्डे पर उनकी वापसी के बाद एसआईटी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
प्रज्वल के खिलाफ कुल चार आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें तीन रेप और एक यौन उत्पीड़न का है। इस मामले में पीड़िता ने 26 अप्रैल 2024 को होलेनरसीपुरा ग्रामीण पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की थी। उसने आरोप लगाया कि वह रेवन्ना परिवार के फार्महाउस में काम करती थी, और प्रज्वल ने उसका बार-बार शोषण किया। यह भी आरोप है कि कांड सामने आने के बाद प्रज्वल के माता-पिता, पूर्व मंत्री एच.डी. रेवन्ना (H.D. Revanna) और भवानी रेवन्ना (Bhavani Revanna), ने पीड़िता को गवाही देने से रोकने के लिए उसका अपहरण करवाया था। इस संबंध में उनके खिलाफ अलग से अपहरण का मामला दर्ज किया गया।