PTS रीवा के प्रशिक्षु आरक्षकों को जिला अस्पताल में दिया गया अपराधियों व डेड बॉडी की सुरक्षा पर व्यावहारिक ज्ञान

PTS Rewa

Practical knowledge was given to the trainee constables of PTS Rewa in the district hospital: रीवा के पुलिस बल प्रशिक्षण केंद्र (Police Training School) के प्रशिक्षु आरक्षकों को व्यावहारिक और प्रायोगिक ज्ञान देने के लिए जिला अस्पताल लाया गया। यहां इंसपेक्टर चित्रांगदा सिंह ने उन्हें अस्पताल परिसर में अपराधियों की सुरक्षा, पोस्टमार्टम प्रक्रिया और अन्य ड्यूटी संबंधी सावधानियों का जीवंत प्रशिक्षण दिया।

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अस्पताल में किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए

प्रशिक्षण सत्र में इंसपेक्टर चित्रांगदा सिंह ने विस्तार से समझाया कि अपराधियों को अस्पताल लाते समय किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा, “अपराधी चाहे कितना भी खतरनाक हो, अस्पताल में उसकी सुरक्षा और उपचार प्रक्रिया में पुलिस की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। हथकड़ी, चेन और निरंतर निगरानी जरूरी है ताकि कोई भागने की कोशिश न कर सके।” साथ ही, मरीजों और स्टाफ की सुरक्षा का भी ख्याल रखने पर जोर दिया।पोस्टमार्टम के दौरान डेड बॉडी की सुरक्षा पर विशेष फोकस रहा।

प्रशिक्षु आरक्षकों ने पूछे अपने सवाल

इंसपेक्टर ने बताया, “शव की पहचान, सबूतों का संरक्षण और अनधिकृत पहुंच रोकना पुलिस का दायित्व है। पोस्टमार्टम रूम के बाहर सतत गश्त और रिकॉर्ड मेंटेनेंस अनिवार्य है।” इसके अलावा, आपातकालीन स्थिति, मेडिकल इमरजेंसी में पुलिस की भूमिका, दवाओं की सुरक्षा और अस्पताल में कानून-व्यवस्था बनाए रखने जैसे मुद्दों पर भी व्यावहारिक ज्ञान दिया गया। प्रशिक्षु आरक्षकों ने अपने सवाल पूछे, जिनमें अपराधी के भागने की कोशिश, मेडिकल स्टाफ से सहयोग और कानूनी प्रक्रिया शामिल थीं। सभी संकाओं का मौके पर समाधान किया गया।

प्रशिक्षण केंद्र के अधिकारियों ने बताया कि यह सत्र फील्ड ड्यूटी की तैयारी का हिस्सा है। “किताबी ज्ञान के साथ व्यावहारिक अनुभव जरूरी है ताकि आरक्षक वास्तविक परिस्थितियों में सही निर्णय ले सकें,” एक अधिकारी ने कहा।यह पहल रीवा पुलिस की प्रशिक्षण गुणवत्ता को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

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