MP: जबलपुर में मकान बिक्री के पोस्टर लगे, पुलिस ने शुरू की कार्रवाई, लोग बोले- यहां रोंहिग्या का खौफ

JABALPUR SHIVRAJ BASTI NEWS

Jabalpur Shivraj Basti Poster: बस्तीवासी संदिग्ध लोगों के अचानक बसने से डर के मारे अपने घर बेचने को मजबूर हो गए हैं। कुछ लोग इन्हें रोहिंग्या या बांग्लादेशी घुसपैठिए बता रहे हैं, तो कुछ रेकी करने वाले चोर। हिंदूवादी संगठनों को जब इसकी जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। अवैध झोपड़ियां हटाई जा रही हैं और किराए पर रहने वालों को भी चेक किया जा रहा है।”

Jabalpur Shivraj Basti Poster: जबलपुर के नर्मदा किनारे बसी शिवराज बस्ती में हाल के दिनों में लगे ‘मकान बेचना है’ के पोस्टर ने स्थानीय निवासियों को परेशान कर दिया है। बस्तीवासी संदिग्ध लोगों के अचानक बसने से डर के मारे अपने घर बेचने को मजबूर हो गए हैं। कुछ लोग इन्हें रोहिंग्या या बांग्लादेशी घुसपैठिए बता रहे हैं, तो कुछ रेकी करने वाले चोर।

हिंदूवादी संगठनों को जब इसकी जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। संगठनों के कार्यकर्ता बस्ती पहुंचे तो पता चला कि तीन सप्ताह पहले से ही 10 से अधिक परिवारों के करीब 50 लोग यहां झोपड़ियां बनाकर या किराए के कमरों में रहने लगे हैं। इनके कारण बस्ती में गंदगी का आलम है,सड़कों पर मांस के टुकड़े, कचरा और मुर्गियों के पंख बिखरे पड़े हैं। आवारा कुत्तों का झुंड भी बढ़ गया है, जिससे राहगीरों को डर बना रहता है।

भीख मांगकर रेकी, महिलाओं पर अत्याचार के आरोप

स्थानीय निवासियों के अनुसार, ये लोग दिनभर भीख मांगते हैं और खाली घरों की रेकी करते हैं, ताकि चोरी की जा सके। विरोध करने पर गाली-गलौज करते हैं और महिलाओं को अपमानित करने की कोशिश करते हैं। कुछ महीने पहले सिर्फ एक झोपड़ी बनी थी, लेकिन अब इनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है। किराए पर कमरा लेने वाले भी इनमें शामिल हैं, जो 2 हजार रुपये तक किराया देते हैं। इससे बस्ती में दो गुट बन गए. किराए से कमाई करने वाले इन्हें हटाने का विरोध कर रहे हैं।

बजरंग दल के प्रचारक रमेश तिवारी ने कहा, “शिवराज बस्ती के मुख्य मार्ग पर गंदगी इतनी फैल गई है कि चलना मुश्किल हो गया। ये 10-20 कुत्ते पाल रखे हैं। हम किसी को जबरन बेघर नहीं कर रहे, लेकिन बिना दस्तावेजों के रहने वालों को यहां जगह नहीं देंगे। पुलिस को जांच करनी चाहिए कि उनके आधार कार्ड कैसे बने।”

अवैध वासियों को हटाने के आदेश

शिकायतें जब एसपी संपत उपाध्याय तक पहुंचीं, तो उन्होंने ग्वारीघाट थाना प्रभारी को जांच के निर्देश दिए। टीआई सुभाषचंद्र बघेल ने बताया, “हमने तुरंत बस्ती में पहुंचकर दस्तावेज जांचे। ये महाराष्ट्र के गोंदिया जिले के खानाबदोश समुदाय के लग रहे हैं। अवैध झोपड़ियां हटाई जा रही हैं और किराए पर रहने वालों को भी चेक किया जा रहा है।” बस्तीवासी चिंतित हैं कि यदि संख्या बढ़ी, तो स्थिति बेकाबू हो जाएगी। जिले में ललपुर बस्ती में भी इसी तरह 200 से अधिक संदिग्ध घुसपैठियों की शिकायतें आई हैं, जहां पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि बिना दस्तावेजों के अवैध वास बर्दाश्त नहीं होगा।

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