Political turmoil in Maharashtra : महाराष्ट्र में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल बैठक ने सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के भीतर बढ़ते मतभेदों को पूरी तरह उजागर कर दिया। बैठक में शिंदे शिवसेना के कई मंत्री अनुपस्थित रहे, जबकि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे स्वयं बैठक में मौजूद थे। बताया जा रहा है कि यह कदम भाजपा द्वारा किए जा रहे लगातार पक्षप्रवेश (घोषणाबाजी) और आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के सीट-बंटवारे पर चल रहे असंतोष का परिणाम है।
कैसे सामने आई नाराज़गी? Political turmoil in Maharashtra
मंत्रिमंडल बैठक मंत्रालय की 7वीं मंज़िल पर आयोजित हुई, लेकिन शिंदे शिवसेना के कई मंत्री बैठक में नहीं पहुंचे। वे नीचे 6ठी मंज़िल स्थित मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कार्यालय में बैठे रहे। बैठक समाप्त होने के बाद इन मंत्रियों ने मुख्यमंत्री फडणवीस से मुलाकात कर अपनी नाराज़गी जाहिर की। सूत्रों के अनुसार मंत्रियों ने आरोप लगाया कि, भाजपा शिवसेना (शिंदे गुट) के कार्यकर्ताओं को तोड़कर अपने संगठन में ला रही है। विशेष रूप से मंत्री रविंद्र चव्हाण पर स्थानीय स्तर पर हस्तक्षेप कर “हमारे कार्यकर्ताओं को भाजपा में शामिल कराने” का आरोप लगाया गया।
CM फडणवीस का जवाब | Political turmoil in Maharashtra
सूत्रों के मुताबिक बैठक में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट कहा, “उल्हासनगर में शुरुआत आप लोगों ने ही की थी। आप करेंगे तो ठीक और बीजेपी करेगी तो गलत, यह नहीं चलेगा।अब से कोई भी दल दूसरे दल के कार्यकर्ताओं को प्रवेश नहीं देगा। यह नियम दोनों पार्टियों पर लागू होगा। तनाव बढ़ने के बाद भाजपा के कद्दावर नेता चंद्रशेखर बावनकुळे भी मंत्रालय पहुंचे और उन्होंने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से बंद कमरे में लंबी चर्चा की। माना जा रहा है कि विवाद को सार्वजनिक रूप से बढ़ने से रोकने की कोशिश की गई।
UBT शिवसेना का तीखा हमला, “कर्म का फल मिल रहा है”
UBT शिवसेना के नेता अंबादास दानवे ने शिंदे गुट पर जोरदार प्रहार करते हुए कहा, “यह सब होना ही था। जो हमारे बीच से गए, वे अब एक-दूसरे का गला दबा रहे हैं।”“जिस तरह भाजपा ने शिवसेना को तोड़ा, अब शिंदे गुट भी टूटेगा और आधे लोग भाजपा में शामिल हो जाएंगे।” “शिंदे गुट के मंत्री CM फडणवीस की ही सुनते हैं और उन्हीं का काम करते हैं।”“ठाणे में एक-दूसरे पर गोली चलाने वाले नेता आज एक ही गठबंधन में हैं।“शिंदे गुट को अपने कर्म का फल मिल रहा है।”
अजित पवार ने कही अलग बात।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस विवाद पर संयमित प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मुझे इस मामले की अधिक जानकारी नहीं। हमारे भी कई नेता बैठक में नहीं थे या बीच में निकल गए, क्योंकि आज नामांकन वापस लेने का आखिरी दिन था।अगर मुझे पहले पता होता तो मैं सीधे एकनाथ शिंदे से पूछता।”
क्या है विवाद की जड़? Political turmoil in Maharashtra
- पिछले महीने उल्हासनगर में बीजेपी के चार पूर्व पार्षदों को एकनाथ शिंदे ने अपनी शिवसेना में शामिल किया।आज बीजेपी ने ठाणे के डोंबिवली में शिवसेना के पाँच पूर्व पार्षदों को बीजेपी में शामिल कराया जिस से शिंदे शिवसेना नाराज हो गई ।
- संभाजी नगर में शिंदे के मंत्री शिरसाथ के ख़िलाफ़ चुनाव लड़े उम्मीदवार राजू शिंदे को बीजेपी में शामिल किया आज।
- राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार महायुति के भीतर झगड़े की मुख्य वजहें हैं-आगामी बीएमसी व ठाणे नगरपालिका चुनावों में टिकट बंटवारा, लगातार पक्षप्रवेश,शिंदे गुट में बढ़ती असुरक्षा की भावना।
- 2022 में शिवसेना टूटने के बाद बना अविश्वास,सत्ता में शक्ति संतुलन,प्रशासनिक फैसलों पर दबाव।
