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Chirag Paswan ministery : फिल्मों में थी रूचि फिर क्यों ली राजनीति में एंट्री, चिराग पासवान का सियासी सफर

Cabinet Minister Chirag Paswan : रविवार को नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के साथ 71 कैबिनेट मंत्रियों ने भी शपथ ली। बिहार के लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan ministery) को भी कैबिनेट में जगह दी गई है। केंद्रीय मंत्री बनने के बाद चिराग पासवान का कद राज्य में बढ़ गया है। इंजीनिरिंग से अभिनय और अभिनय से राजनीति में कदम रखने वाले चिराग पासवान एक लोकप्रिय नेता बनकर उभरे हैं। आईये जानते हैं खुद को मोदी का हनुमान बताने वाले चिराग पासवान का सियासी सफऱ कैसे शुरू हुआ।

बिना रुके, बिना थके… करूंगा काम (Chirag Paswan ministery)

लोकसभा चुनाव 2024 में बिहार से 5 सीटें जीतने के बाद एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान केंद्रीय मंत्री (Chirag Paswan ministery) बन गए। मोदी की टीम में शामिल होने के बाद उन्होंने पीएम मोदी का आभार जताया। उन्होंने सोशल मीडिया के एक्स हैंडल पर पोस्ट किया, “केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने पर मैं, मेरे अभिभावक और देश के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी के प्रति आभार प्रकट करता हूं। इस गरिमामयी अवसर पर मैं यह संकल्प लेता हूं कि मेरे जीवन का हर क्षण भारत और भारत के संविधान के महान मूल्यों के प्रति समर्पित रहेगा। बिना किसी भेदभाव के राष्ट्रसेवा के लिए बिना रुके, बिना थके निरंतर कार्य करता रहूंगा।”

मोदी कैबिनेट में चिराग सबसे युवा मंत्री (Chirag Paswan ministery)

मोदी कैबिनेट में जगह पाने वाले मंत्रियों में 42 वर्ष के चिराग पासवान सबसे युवा नेता हैं। बिहार में उनकी पार्टी एलजेपी ने पांच लोकसभा सीटों (हाजीपुर, जमुई, खगड़िया, समस्तीपुर और वैशाली) पर चुनाव लड़ा था। चिराग पासवान के नेतृत्व में उनकी पार्टी को सभी पांच सीटों पर जीत हासिल हुई। इन सीटों में खुद चिराग पासवान हाजीपुर सीट से सांसद चुने गए हैं। अब उन्हें मोदी के नए मंत्रिमंडल में जगह भी मिल गई है। उनके राजनीतिक करियर में यह बड़ी सियासी सफलता मानी जा रही है।

एक्टर बनना चाहते थे चिराग

चिराग पासवान का राजनीतिक करियर स्वर्गीय पिता रामविलास पासवान की विरासत को आगे बढ़ाने के साथ शुरू हुआ। साल 2005 में चिराग ने कंप्यूटर इंजीनियरिंग से बीटेक किया। मगर फ़िल्मी दुनिया में रूचि रखने के चलते सेकंड सेमेस्टर के बाद ही बीटेक की पढ़ाई को बीच में ही छोड़ दिया। उन्होंने साल 2011 में कंगना रनौत के साथ ‘मिले न मिले हम’ फ़िल्म में काम किया था। अपनी पहली ही फ़िल्म में असफलता मिलने के बाद उन्होंने बॉलीवुड छोड़ दिया और राजनीति में आ गए।

पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया

कैबिनेट मंत्री बन चुके चिराग पासवान (Chirag Paswan ministery) को पहले राजनीति में कोई रूचि नहीं थी। मगर पिता रामविलास पासवान के गुजरने के बाद उनकी लोक जनशक्ति पार्टी को चिराग ने संभाल लिया। साल 2014 में पिता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने राजनीति में पहला कदम रखा। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बिहार की जमुई सीट से चुनाव लड़ा और जीते भी। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने जमुई सीट से दोबारा जीत हासिल की। 2019 में ही वो अपने पिता द्वारा स्थापित लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए।

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2021 में बनाई थी अपनी अलग पार्टी

साल 2021 में लोक जनशक्ति पार्टी से चिराग के चाचा व हाजीपुर के सांसद पशुपति पारस का गुट अलग हो गया। इसके बाद चिराग पासवान ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का गठन किया और राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ा। उन्होंने राजद के शिवचंद्र राम को एक लाख 70 हजार 105 मतों से हराकर बड़ी जीत हासिल की।

खुद को मोदी का हनुमान मानते हैं चिराग

हाजीपुर सांसद चिराग पासवान खुद को नरेंद्र मोदी का हनुमान मानते हैं। राजनीति में वह मोदी के बड़े प्रसंशक व अनुयायी हैं। 2014 से चिराग पासवान एनडीए गठबंधन का हिस्सा बनकर ही लोकसभा चुनाव लड़ते आए हैं। हाजीपुर सीट से चुनाव जीतकर पहली बार वो कैबिनेट मंत्रियों की सूची में शामिल हुए हैं। उन्हें कौनसा मंत्रालय दिया जाएगा, यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है।

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