माफिया अतीक के बेटे का एनकाउंटर करने वाले पुलिसकर्मियों को मिलेगा राष्ट्रपति पदक

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Rajupal Murder Case: 15 अगस्त को दिल्ली में सभी को सम्मानित किया जाएगा। उमेश पाल हत्याकांड के बाद दोनों आरोपी असद और गुलाम फरार हो गए थे. दोनों पर यूपी पुलिस ने 5-5 लाख रुपए का इनाम रखा था. 13 अप्रैल, 2023 को झांसी में असद और गुलाम का एनकाउंटर किया गया था.

President’s honor to 17 police personnel of UP: माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर मोहम्मद गुलाम का एनकाउंटर करने वाले 17 पुलिसकर्मियों को राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया जाएगा। 15 अगस्त को दिल्ली में सभी को सम्मानित किया जाएगा। उमेश पाल हत्याकांड के बाद दोनों आरोपी असद और गुलाम फरार हो गए थे. दोनों पर यूपी पुलिस ने 5-5 लाख रुपए का इनाम रखा था. 13 अप्रैल, 2023 को झांसी में असद और गुलाम का एनकाउंटर किया गया था. इस ऑपरेशन में यूपी STF के 6 और पुलिस के 11 जवान शामिल थे. इसे यूपी STF के DSP नवेन्दु और विमल लीड कर रहे थे.

जानें एनकाउंटर की पूरी स्टोरी

How did the encounter of Atiq Ahmed’s son happen: 24 फरवरी 2023 को प्रयागराज में राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उनके दोस्त उमेश पाल की बीच बाजार में हत्या कर दी गई थी. उमेश पाल जब अपने घर जा रहे थे, तभी रास्ते में कार से निकलते समय उन पर फायरिंग कर दी गई थी. इस दौरान बम भी फेंके गए थे. उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनमैन की भी मौके पर मौत हो गई. पूरे मामले का CCTV फुटेज भी सामने आया था. इसमें असद और गुलाम की संलिप्तता पाई गई।

The story of the encounter of Atiq Ahmed’s son: इस घटना की चर्चा पूरे देश में होने लगी. एक बार फिर लोगों 2005 का राजू पाल हत्याकांड गूंजने लगा था. यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल उठने लगा. इसके बाद यूपी सरकार ने STF का गठन किया। यूपी पुलिस और एसटीएफ ने दोनों आरोपियों की धर-पकड़ शुरू कर दी. साथ ही दोनों पर 5-5 लाख रुपए का इनाम भी रख दिया। लगभग 48 दिन बाद दोनों आरोपियों की लोकेशन झांसी के चिरगांव में मिली। सटीक जानकारी मिलने के बाद ही DSP नवेंदु कुमार की टीम तुरंत चिरगांव पहुंच गई, लेकिन तब तक दोनों आरोपी वहां से भाग चुके थे. चिरगांव में मुखबिर ने बताया कि असद और गुलाम बाइक से पारीछा की ओर गए हैं. बाइक में नंबर प्लेट भी नहीं था.

मुखबिर द्वारा मिली पूरी सूचना के बाद DSP नवेन्दु और विमल कुमार ने चिरगांव से पारीछा की तरह जाने वाले हाइवे पर ट्रेसिंग शुरू की. सुबह लगभग 11:30 बजे पारीछा बांध के मोड़ से 150 मीटर पहले ही बाइक दिखाई दी. STF ने असद और गुलाम को स्कॉर्पियो से ओवरटेक करने की कोशिश की. दोनों समझ गए थे कि उसमें पुलिस है. तभी दोनों ने बाइक की रफ्तार बढ़ा दी. इसके बाद उन्होंने बाइक कच्चे रास्ते की ओर मोड़ दी.

STF के मुताबिक दोनों आरोपियों को बार-बार सरेंडर करने की चेतावनी दी गई थी, लेकिन दोनों नहीं माने बल्कि डेढ़-दो किमी तक बाइक दौड़ाते रहे. उसी समय विमल कुमार सिंह की टीम ने उन्हें सामने से घेर लिया। तभी असद और गुलाम की बाइक स्लिप हो गई और दोनों नीचे गिर गए. इसके बाद दोनों ने जमीन की आड़ लेकर फायरिंग शुरू कर दी. इसकी जवाब में STF ने भी फायरिंग शुरू की. कुछ जवान पेड़ से उतरकर पेड़ की ओट में छिप गए. लगभग आधे घंटे तक दोनों ओर से रुक-रुककर फायरिंग हुई.

DSP नवेंदु कुमार ने अपनी पिस्टल से दो फायर और विमल सिंह समेत टीम ने अपनी-अपनी पिस्टल से एक-एक फायर किया। थोड़ी ही देर में बदमाशों की ओर से फायरिंग बंद हो गई. कुछ देर इंतजार के बाद STF ने करीब जाकर देखा तो दोनों आरोपी असद और गुलाम घायल पड़े थे. दोनों को अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टर्स ने दोनों को मृत घोषित कर दिया था.

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