PM Narendra Modi को मिला रूस का सर्वोच्च सम्मान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को 9 जुलाई को रूस के सबसे प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल: द फर्स्ट कॉल्ड’ से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें रूस और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी और मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ाने के लिए दिया गया है। Order of St Andrew the Apostle सम्मान मिलने पर पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने राष्ट्रपति पुतिन और रूस का आभार जताया। उन्होंने कहा कि यह 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है और दोनों देशों के बीच सदियों पुरानी दोस्ती का प्रतिबिंब है।

सेंट एंड्रयू द एपोस्टल का आदेश
रूस में शिष्टता का सर्वोच्च आदेश। 17वीं शताब्दी (1698) में ज़ार पीटर द ग्रेट द्वारा सेंट एंड्रयू के सम्मान में स्थापित किया गया, जो बाइबिल के नए नियम के अनुसार, यीशु द्वारा चुने गए बारह प्रेरितों में से एक थे और उन्हें रूस का संरक्षक संत माना जाता है।

इस आदेश का मूल उद्देश्य राज्य के लिए असाधारण सेवा और उत्कृष्ट नागरिक और सैन्य योग्यता को मान्यता देना था। आदेश के प्रतीक चिन्ह में आमतौर पर एक नीला सैश, सेंट एंड्रयू का सुनहरा क्रॉस वाला एक बैज और छाती पर पहना जाने वाला एक सितारा होता है।

1917 की रूसी क्रांति के बाद इस आदेश को बंद कर दिया गया था। सोवियत संघ के विघटन के बाद इसे फिर से शुरू किया गया।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या किया है?

प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi) 22वें रूस-भारत वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए रूस की यात्रा पर हैं। दरअसल, 2019 में ही इस बात की घोषणा कर दी गई थी कि प्रधानमंत्री को यह सम्मान दिया जाएगा। आज उन्हें औपचारिक रूप से यह सम्मान दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी के मुताबिक पुतिन के नेतृत्व में भारत-रूस संबंध हर दिशा में मजबूत हुए हैं और नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। उन्होंने कहा,

“भारत और रूस के बीच संबंधों को बेहतर बनाने के लिए हमें लोगों के बीच साझेदारी को और बढ़ावा देने की जरूरत है… भारत-रूस साझेदारी बहुत महत्वपूर्ण है। हमारा मानना ​​है कि हमें शांति और स्थिरता के लिए प्रयास जारी रखना चाहिए।”

साथ ही पुतिन ने रूसी-भारतीय संबंधों में सुधार के लिए प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि दोनों देश स्थिरता, वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए बहुध्रुवीयता के सिद्धांत को बढ़ावा दे रहे हैं। वे ब्रिक्स और एससीओ जैसे समूहों में मिलकर काम कर रहे हैं।

इससे पहले 2019 में पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने आखिरी बार रूस का दौरा किया था। तब उन्होंने व्लादिवोस्तोक के पूर्वी बंदरगाह में आयोजित एक मंच पर पुतिन से मुलाकात की थी। इसके बाद दोनों नेताओं की मुलाकात सितंबर 2022 में हुई। उज्बेकिस्तान में आयोजित हो रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में। हालांकि, रूस और भारत के बीच संबंधों की गहराई पश्चिमी देशों को रास नहीं आ रही है। जब पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की एक-दूसरे को गले लगाते हुए तस्वीर सामने आई तो यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने इसकी कड़ी निंदा की। कहा कि यह बहुत बड़ी निराशा और सदमा है।

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