संसद सत्र से पहले पीएम मोदी ने राखी अपनी बात, इमरजेंसी का जिक्र करते हुए अन्य मुद्दों पर कहा…

First Session of 18th Lok Sabha

PM Modi speaks ahead of Parliament session: NDA की तीसरी बार सरकार बनने के बाद सोमवार 24 जून से 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हुआ। संसद सत्र शुरू होने से आधे घंटे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषण में कहा- 25 जून कभी न भूलने वाला दिन है। क्योंकि इसी दिन संविधान को पूरी तरह नकार कर भारत को जेलखाने में तब्दील कर दिया गया था। लोकतंत्र को पूरी तरह से दबोच लिया गया था। उन्होंने कहा कि देशवासी भारत के लोकतंत्र और लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए संकल्प लेंगे कि फिर कभी कोई ऐसी हिमाकत नहीं करेगा, जो 50 साल पहले की गई थी। इस दौरान पीएम मोदी ने अपने 14 मिनट 28 सेकेंड के भाषण में इमरजेंसी के अलावा, तीसरे कार्यकाल, नए संसद भवन, नए सांसदों, जिम्मेदार विपक्ष और विकसित भारत पर अपनी बात रखी। आइये जानते हैं उन्होंने क्या कहा –

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खा कि सांसदों से देश को बहुत अपेक्षाएं हैं। इसलिए उनसे अनुरोध करूंगा कि वो जनहित और लोकसेवा के लिए इस मौके का उपयोग करें। हर कदम जनहित में उठाएं। देश को एक जिम्मेदार विपक्ष की आवश्यकता है। लोग सदन में नारे नहीं, सार्थकता चाहते हैं, वे अपने सांसद से संसद में डिस्टर्बेंस नहीं, बल्कि चर्चा और मेहनत चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार चलाने के लिए भले ही बहुमत होना जरूरी है, लेकिन देश चलाने के लिए सहमति बहुत जरूरी होती है। इसलिए हमारी कोशिश सबकी सहमति और सबको साथ लेकर चलने की होगी। सदन में युवा सांसदों की संख्या पर मोदी ने कहा कि ये खुशी की बात है कि युवा सांसदों की संख्या 18वीं लोकसभा में अच्छी है।

केंद्र में भाजपा के तीसरे कार्यकाल को लेकर मोदी ने कहा कि आजादी के बाद 60 साल में दूसरी बार किसी सरकार को लगातार जनता ने तीसरी बार सेवा का मौका दिया है। जनता ने एक सरकार को तीसरे कार्यकाल के लिए भी पसंद किया है मतलब उसकी नीयत और नीतियों जनता जनार्दन ने मुहर लगाई है। उन्होंने कहा कि जनता ने हमें तीसरा मौका दिया है। इसलिए हमारा दायित्व भी तीन गुना बढ़ गया है। संसद का ये गठन नई गति नई ऊंचाई हासिल करने का महत्वपूर्ण अवसर है।

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