उन्होंने (PM MODI) कहा कि इतिहास कह रहा है कि नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक सभी ने संविधान (CONSTITUTION) का दुरुपयोग किया,,,,
NEW DELHI: शनिवार को संविधान पर चर्चा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी (PM MODI) ने कांग्रेस को संविधान की खोज करने वाली पार्टी बताया है। 1 घंटे 49 मिनट के भाषण में उन्होंने कहा कि कांग्रेस पर संविधान में संशोधन करने का इतना जुनून सवार था कि वह समय-समय पर संविधान की तलाश करती रहती थी। संविधान की आत्मा को लहूलुहान करते रहे। लगभग 6 दशकों में संविधान को 75 बार बदला गया।
संविधान दुरुप्रयोग का आरोप
उन्होंने (PM MODI) कहा कि इतिहास कह रहा है कि नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक सभी ने संविधान (CONSTITUTION) का दुरुपयोग किया। उनकी नई पीढ़ी भी उसी राह पर है। नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक कांग्रेसी प्रधानमंत्रियों ने आरक्षण का विरोध किया। नेहरू जी ने लम्बे-लम्बे पत्र लिखे। मोदी ने कहा- आपातकाल आया, संवैधानिक व्यवस्थाएं खत्म कर दी गईं। देश को जेलखाना बना दिया, अधिकारों पर डाका डाला, प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगा दिया।
कांग्रेस परिवार ने संविधान को हर स्तर पर चुनौती दी- PM MODI
कांग्रेस के एक परिवार ने संविधान पर चोट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मैं एक परिवार का जिक्र इसलिए कर रहा हूं क्योंकि 75 साल में से 55 साल एक ही परिवार ने शासन किया है। देश को यह जानने का अधिकार है कि क्या हुआ है। इस परिवार के बुरे विचार, बुरे कर्म और दुष्कर्मों की परंपरा चली आ रही है। इस परिवार ने संविधान को हर स्तर पर चुनौती दी है।
अध्यादेश लाकर संविधान बदला- PM MODI
1952 से पहले कोई राज्यसभा नहीं थी। राज्यों में भी चुनाव नहीं होते थे। कोई शासनादेश नहीं था। अभी संविधान निर्माताओं ने इतना मंथन किया था। 1951 उन्होंने एक अध्यादेश लाकर संविधान में बदलाव किया। अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला किया गया। संविधान निर्माताओं ने इसकी इजाजत नहीं दी। वह चुनी हुई सरकार के प्रधानमंत्री नहीं थे, जो अपने मन की बातें संविधान सभा के अंदर नहीं करा सके। बल्कि पिछले दरवाजे से करा सके।
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किसी भी हालत में संविधान बदलना चाहते थे
उसी समय प्रधानमंत्री नेहरू ने मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा- यदि संविधान हमारे आड़े आता है तो किसी भी हालत में संविधान (CONSTITUTION) बदल देना चाहिए। यह पाप 1951 में हुआ था। राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि कुछ गलत हो रहा है। स्पीकर ने ये भी कहा, आचार्य कृपलानी, जेपी जैसे महान लोगों ने भी रुकने को कहा मगर पंडित जी का अपना संविधान था। उन्होंने सलाह नहीं मानी।