PM Modi in Kargil: प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कारगिल की जीत किसी सरकार, दल की जीत नहीं थी। ये देश की विजय थी, देश की विरासत है। ये देश के गर्व और स्वाभिमान का पर्व है। सेना के बहादुर जवानों और मेरे प्रिय देशवासियों, आज लद्दाख की ये महान धरती, कारगिल की जीत के 25 साल पूरे होने की साक्षी है। ये हमें बताता है कि देश के लिए दिए बलिदान अमर होते हैं। दिन महीने साल सदियां गुजर गईं। पीएम मोदी ने कहा कि 35 साल बाद श्रीनगर में ताजिया निकला है। लद्दाख में भी विकास की नई धारा बही है। शिंकुन ला टनल का काम शुरू हुआ है। अग्निपथ योजना से देश की ताकत बढ़ेगी। सामर्थ्यवान युवा भी देश सेवा के लिए आगे आएगा। प्राइवेट सेक्टर में भी अग्निवीरों को प्राथमिकता दी।
कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर शुक्रवार 26 जुलाई को प्रधानमंत्री मोदी ने लद्दाख में 1999 की जंग के नायकों को श्रद्धांजलि दी। वह कारगिल वॉर मेमोरियल भी गए। लगभग 20 मिनट के संबोधन में पीएम ने जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पाकिस्तान, आतंकवाद, अग्निवीर, विपक्ष और योजनाओं पर बात की।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में क्या कहा?
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सेना के बहादुर जवानों और मेरे प्रिय देशवासियों, आज लद्दाख की ये महान धरती, कारगिल की जीत के 25 साल पूरे होने की साक्षी है। ये हमें बताता है कि देश के लिए दिए बलिदान अमर होते हैं। दिन महीने साल सदियां गुजर गईं। सदियां भी गुजरती हैं मौसम भी बदलते हैं, लेकिन देश की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगाने वालों के नाम अमिट रहते हैं।
मैं उन्हें नमन करता हूं जिन्हाेंने मातृभूमि की रक्षा के लिए बलिदान दिया। हमने केवल युद्ध नहीं जीता था, हमने सत्य संयम और सामर्थ्य का अद्भुत परिचय दिया था। ये देश हमारी सेना के पराक्रमी महानायकों का सर्वदा आभारी है। ये देश उनके प्रति कृतज्ञ है। साथियों मेरा सौभाग्य है कारगिल युद्ध के समय मैं सामान्य देशवासी के रूप में अपने सैनिकों के बीच था। आज जब मैं फिर कारगिल की धरती पर हूं, तो जाहिर है वो यादें ताजा हो गई हैं। मुझे याद है किस तरह हमारी सेना ने इतनी ऊंचाई पर कठिन युद्ध को अंजाम दिया था। मैं देश को जीत दिलाने वाले शूरवीरों को प्रणाम करता हूं।
पीएम मोदी ने कहा लेकिन आज मैं उस जगह से बोल रहा हूं , जहां आतंक के आकाओं को मेरी आवाज सीधे सुनाई पड़ रही है। मैं आतंकवाद के इन सरपरस्तों को कहना चाहता हूं उनके नापाक मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे। आतंकवाद को हमारे जांबाज पूरी ताकत से कुचलेंगे। दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। लद्दाख हो, या फिर जम्मू कश्मीर विकास के सामने आ रही हर चुनौती को भारत परास्त करके ही रहेगा। आप जानते हैं भारत उस समय शांति के प्रयास कर रहा था। बदले में पाकिस्तान ने अपना अविश्वासी चेहरा दिखाया। लेकिन सच के सामने असत्य और आतंक की हार हुई। पाकिस्तान ने अतीत में जितने भी प्रयास किए उसे मुंह की खानी पड़ी। लेकिन उसने अपने इतिहास से कुछ नहीं सीखा है। वो आतंकवाद और प्रॉक्सी वॉर के सहारे अपने आप को प्रासंगिक बनाए रखने का प्रयास कर रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि 35 साल बाद श्रीनगर में ताजिया निकला है। धरती का हमारा स्वर्ग तेजी से शांति और सौहार्द्र की दिशा में बढ़ रहा है। लद्दाख में भी विकास की नई धारा बही है। शिंकुन ला टनल का काम शुरू हुआ है। इससे लद्दाख पूरे साल हर मौसम में देश से जुड़ा रहेगा। ये टनल लद्दाख के बेहतर भविष्य का नया रास्ता खोलेगी। हम सभी जानते हैं कि कठोर मौसम में यहां के लोगों को कितनी मुश्किलें आती हैं। टनल के बनने से ये कम होंगी। मैं लद्दाख के भाई बहनों को इसके लिए बधाई देता हूं। मोदी ने कहा कि कुछ ही दिन बाद इस 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 खत्म हुए 5 साल हो जाएंगे। जम्मू कश्मीर आज नए भविष्य की बात कर रहा है। बड़े सपनों की बात कर रहा है। जम्मू कश्मीर की पहचान जी 20 जैसी अहम बैठक करने के लिए हो रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के साथ तेजी से विकास हो रहा है।
बीते 5 साल में हमने लद्दाख का बजट बढ़ाकर 6 हजार करोड़ रुपए कर दिया है। 6 गुना की बढ़ोतरी की है। ये पैसा लद्दाख के लोगों के विकास में, यहां सुविधाएं बढ़ाने में काम आ रहा है। शिक्षा, रोजगार, पावर सप्लाय हर दिशा में लद्दाख में दृश्य – परिदृश्य बदल रहा है। पहली बार यहां होलिस्टिक प्लानिंग के साथ काम हो रहा है। जल जीवन मिशन के चलते यहां के 90 प्रतिशत घरों में पानी पहुंच रहा है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि मुझे याद है कोरोना के समय में कारगिल के हमारे कई लोग ईरान में फंस गए थे। उन्हें वापस लाने के लिए मैंने निजी तौर पर काफी प्रयास किए। ईरान से लाकर उन्हें जैसलमेर में रुकवाया गया। रिपोर्ट संतोषजनक आने के बाद उनके घर पहुंचाया गया। हमें संतोष है अनेको जिंदगी बचा पाए। यहां के लोगों की सुविधाएं बढ़ें, ईज ऑफ लिविंग बढ़े इसके लिए भारत सरकार प्रयास कर रही है।
आज की वैश्विक परिस्थितियां पहले से बदल गई हैं। सेना को कार्यशैली और व्यवस्था में भी आधुनिक होना चाहिए। इसलिए देश दशकों से डिफेंस सेक्टर में बड़े बदलावों की जरूरत महसूस करता रहा है। सेना खुद मांग कर रही है। लेकिन पहले इसे उतना महत्व नहीं दिया गया। पिछले दस साल में हमने इन रिफॉर्म्स को पहली प्राथमिकता बनाया। इनके चलते सेना सक्षम और आत्मनिर्भर हुई है। पीएम मोदी ने कहा कि लद्दाख में सिंधु सेंट्रल यूनिवर्सिटी बन रही है। पूरे लद्दाख को 4G नेटवर्क से जोड़ने का काम भी चल रहा है। 13 किमी लंबी जोजिला टनल का काम भी जारी है। इसके बनने से नेशनल हाईवे पर भी ऑल वैदर कनेक्टिविटी हो जाएगी। सीमावर्ती इलाकों में भी चैलेंजिंग टास्क अपने हाथों में लिए हैं। बॉर्डर रोड संगठन ने पिछले 3 साल में 330 से ज्यादा प्रोजेक्ट पूरे किए हैं। इसमें लद्दाख के विकास से लेकर पूर्वोत्तर में सेला टनल जैसे प्रोजेक्ट भी शामिल हैं।
उम्र का ज्यादा होना हम सभी की चिंता बढ़ाता रहा है। कई कमेटियों में ये विषय उठा। लेकिन इस बदलाव की पहले इच्छा शक्ति नहीं दिखाई गई। कुछ लोगों की मानसिकता यही थी कि सेना मतलब नेताओं को सलाम करना, परेड करना। हमारे लिए सेना मतलब 140 करोड़ देशवासियों की सुरक्षा, शांति की गारंटी। अग्निपथ योजना के जरिए इसे हमने साकार किया है। इसका लक्ष्य सेनाओं को युवा बनाना है। सेनाओं को निरंतर योग्य बनाए रखना है. डिफेंस में रिसर्च का भी 25 प्रतिशत प्राइवेट सेक्टर के लिए रिजर्व किया गया है। इसका परिणाम है कि डिफेंस प्रोडक्शन सवा लाख करोड़ से ज्यादा हो गया है। कभी हम हथियार मंगाते थे, आज एक्सपोर्टर बनते जा रहे हैं। हमने 5 हजार हथियारों की लिस्ट बनाकर तय किया है कि इन्हें बाहर से नहीं मंगाया जाएगा।
अग्निपथ योजना से देश की ताकत बढ़ेगी। सामर्थ्यवान युवा भी देश सेवा के लिए आगे आएगा। प्राइवेट सेक्टर में भी अग्निवीरों को प्राथमिकता दी। मैं हैरान हूं कुछ लोगों की सोच को क्या हुआ है। ऐसा भ्रम फैला रहे है कि सरकार पेंशन का पैसा बचाने योजना लाई है। डिफेंस सेक्टर में रिफॉर्म्स के लिए भारतीय सेनाओं की सराहना करता हूं। उन्होंने कई साहसी फैसले लिए। इसमें अग्निपथ योजना भी शामिल है। दशकों तक संसद में सेनाओं को युवा बनाने पर चर्चा होती रही है।
पीएम ने कहा कि अग्निवीर के नाम पर कुछ लोग देश के युवाओं को गुमराह कर रहे हैं मैं ऐसे लोगों से पूछना चाहता हूं कि जो आज भर्ती होगा, क्या उसे आज ही पेंशन देना होगा। जब 30 साल बाद पेंशन देना होगी, तब मोदी 105 साल का होगा। तब क्या मोदी की सरकार होगी? लेकिन मेरे लिए दल नहीं देश सर्वोपरि है। मैंने पहले भी कहा है कि हम राजनीति नहीं राष्ट्रनीति के लिए काम करते हैं। हमारे लिए 140 करोड़ की शांति सुरक्षा पहले हैं। जो लोग देश के युवाओं को गुमराह कर रहे हैं, उनका इतिहास साक्षी है कि उन्हें सैनिकों की परवाह नहीं है. दुर्भाग्य से इतने संवेदनशील विषय को कुछ लोगों ने राजनीति का विषय बना दिया है। सेना के इस रिफॉर्म पर भी सवाल उठा रहे हैं। ये वही लोग हैं जो चाहते थे कि सेना को कभी आधुनिक फाइटर प्लेन न मिल पाए।
देश की जनता का आशीर्वाद है कि मुझे तीसरी बार मौका दिया, जो हम ये दिन मना रहे हैं। यदि वही आ जाते तो ये दिन नहीं मनाते। कारगिल की जीत किसी सरकार, दल की जीत नहीं थी। ये देश की विजय थी, देश की विरासत है। ये देश के गर्व और स्वाभिमान का पर्व है। मैं 140 करोड़ देशवासियों की तरफ से नमन करता हूं। सभी को कारगिल विजय के 25 साल पूरे होने की शुभकामनाएं देता हूं। ये वहीं लोग हैं जिन्होंने 500 करेाड़ दिखाकर वन रैंक वन पेंशन का सपना दिखाया। कहा कि 500 करोड़ और कहां सवा लाख करोड़, इतना झूठ .. ये वही लोग है जो आजादी के 70 साल बाद भी सेना की मांग के बाद भी हमारे शहीदों के लिए वॉर मेमोरियल नहीं बनाया। टालते गए। कमेटियां बनाते गए।