Site icon SHABD SANCHI

PM Modi in kuwait : कुवैत पहुंचे PM Modi, वहां पहुंचकर भारतीय कामगारों से किया संवाद

PM Modi in kuwait : पीएम मोदी भारतीयों को संबोधित करने के लिए कुवैत पहुंचे हैं। उन्होंने सबसे पहले भारतीयों का अभिवादन किया और कहा कि मेरे सामने एक छोटा भारत आया है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत के हर क्षेत्र से लोग यहां आए हैं। उन्होंने कहा कि 43 साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री कुवैत आया है। आपने कुवैत को भारत के रंग से भर दिया है। आपने कुवैत में भारत की तकनीक और ज्ञान का मसाला घोला है। मैं यहां सिर्फ आपसे मिलने नहीं, बल्कि आपकी उपलब्धियों का जश्न मनाने आया हूं।

पीएम मोदी ने भारतीय कामगारों से मुलाकात की। PM Modi in kuwait

पीएम मोदी ने कहा कि कुछ समय पहले मैं यहां भारतीय कामगारों से मिला था। यहां के मजदूर, डॉक्टर, नर्स सभी अपना योगदान दे रहे हैं। आपमें से जो शिक्षक हैं, वे कुवैत की अगली पीढ़ी का निर्माण कर रहे हैं। इंजीनियर कुवैत के नए इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर रहे हैं। जब भी मैं कुवैत के नेतृत्व से बात करता हूं, तो वे आप सभी की बहुत प्रशंसा करते हैं। आपकी मेहनत, ईमानदारी और कार्यकुशलता के कारण कुवैत के नागरिक भी आपका बहुत सम्मान करते हैं। कुवैत ने भारत को लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति की। मुझे संतोष है कि भारत ने कुवैत को वैक्सीन और मेडिकेटेड टीम भेजकर इस संकट से लड़ने का साहस भी दिया।

भारत और कुवैत के बीच सभ्यताओं का रिश्ता है।

पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत रेमिटेंस के मामले में दुनिया में सबसे आगे है। इसका बहुत बड़ा श्रेय आप सभी मेहनती साथियों को भी जाता है। देशवासी आपके योगदान का सम्मान भी करते हैं। साथियों, भारत और कुवैत के बीच सभ्यताओं का रिश्ता है। समंदर का है, स्नेह का है, व्यापार और कारोबार का है। अरब सागर के दो किनारों पर बसे भारत और कुवैत सिर्फ कूटनीति से ही नहीं बल्कि दिलों से भी जुड़े हैं। हमारा वर्तमान ही नहीं, बल्कि हमारा अतीत भी हमें जोड़ता है। एक समय था जब कुवैत से मोती, खजूर और बेहतरीन नस्ल के घोड़े भारत जाते थे। भारत से बहुत सारा सामान भी यहां आता रहा है। भारत से चावल, चाय, मसाले, कपड़े, लकड़ी यहां आती थी।

भारत और कुवैत के बीच पुराने व्यापारिक रिश्ते हैं। PM Modi in kuwait

सूरत कभी कुवैत के मोतियों की अंतरराष्ट्रीय मंडी हुआ करती थी। गुजरात के बंदरगाह कुवैत के साथ पुराने रिश्तों के गवाह हैं। कुवैती व्यापारियों ने गुजराती भाषा में कई किताबें प्रकाशित की हैं। गुजरात के बाद कुवैती व्यापारियों ने मुंबई समेत दूसरे शहरों में अपनी पहचान बनाई। अब्दुल लतीफ की किताब मुंबई में प्रकाशित हुई। कई कुवैती व्यापारियों ने मुंबई, गोवा आदि में अपने दफ्तर खोले हैं। मुंबई में मोहम्मद अली पीठ में आज भी कई कुवैती परिवार रहते हैं। 60 से 65 साल पहले कुवैत में भारतीय रुपये और नोट चलते थे। यहां दुकान से कुछ खरीदने के लिए रुपये लिए जाते थे।

भारत ने सबसे पहले कुवैत को मान्यता दी थी। PM Modi in kuwait

भारत दुनिया के उन पहले देशों में से एक है जिसने कुवैत को उसकी आजादी के बाद मान्यता दी। जिस देश और समाज के साथ इतनी सारी यादें और हमारा वर्तमान जुड़ा हुआ है। वहां आना मेरे लिए बहुत यादगार है। मैं कुवैत के लोगों और यहां की सरकार का बहुत आभारी हूं। मैं यहां के शासक का विशेष रूप से आभार व्यक्त करता हूं। अतीत में संस्कृति और वाणिज्य ने जो संबंध बनाए थे, वे आज नई सदी में नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहे हैं। आज कुवैत भारत का बड़ा ऊर्जा साझेदार है। भारत और कुवैत के नागरिकों ने दुख और संकट के समय में हमेशा एक-दूसरे की मदद की है। कोरोना महामारी के दौरान भी दोनों देशों ने हर स्तर पर एक-दूसरे की मदद की।

Read Also : http://Lado Protsahan Yojana : अब राजस्थान में बेटी पैदा होते ही बनेगी लखपति, जाने क्या है Rajasthan की Lado Protsahan Yojana !

Exit mobile version