China, SCO Summit 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) तियानजिन (Tianjin) में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation) के 25वें शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। यह यात्रा भारत-चाइना संबंधों (India-China Relations) में नए अवसरों की शुरुआत कर सकती है।
पुरे 7 साल बाद चाइना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखा कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सात साल बाद चाइना (China) पहुंचे हैं, जहां वे 31 अगस्त से 1 सितंबर तक तियानजिन (Tianjin) में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation) के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यह उनकी 2018 के बाद पहली चाइना यात्रा है, जो 2020 के गलवान संघर्ष (Galwan Clash) के बाद भारत-चाइना संबंधों (India-China Relations) में तनाव के बाद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
20 से अधिक देशों के नेता SCO Summit में लेंगे हिस्सा
इस सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) 20 से अधिक देशों के नेताओं की मेजबानी करेंगे, जिसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) भी शामिल हैं। पीएम मोदी के इस दौरे में चाइना (China) और रूस (Russia) के साथ द्विपक्षीय वार्ता (Bilateral Talks) की संभावना है, जिसमें सीमा विवाद (Border Dispute), व्यापार (Trade), और क्षेत्रीय स्थिरता (Regional Stability) जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी।
एक बार फिर साथ हुए भारत और चाइना?
हाल ही में भारत और चाइना (China) के बीच सीमा तनाव (Border Tensions) में कमी आई है, और दोनों देशों ने सैनिकों की वापसी (Troop Disengagement) और व्यापार सुविधा (Trade Facilitation) पर सहमति जताई है। यह यात्रा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) द्वारा भारत और चाइना पर लगाए गए टैरिफ (Tariffs) के बीच वैश्विक दक्षिण (Global South) की एकजुटता को बढ़ावा देने का अवसर भी दे सकती है।
SCO Summit का असली मकसद “एकजुटता और मित्रता का सम्मेलन” है?
चाइना के विदेश मंत्रालय (Chinese Foreign Ministry) ने इस सम्मेलन को “एकजुटता और मित्रता का सम्मेलन” करार दिया है, और उम्मीद जताई है कि यह क्षेत्रीय सहयोग (Regional Cooperation) को बढ़ावा देगा। पीएम मोदी ने भी कहा है कि स्थिर और रचनात्मक भारत-चाइना संबंध (India-China Relations) वैश्विक शांति और समृद्धि (Global Peace and Prosperity) के लिए महत्वपूर्ण हैं।