PM Modi Rahul Gandhi PMO Meeting News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की वन ऑन वन मीटिंग10 दिसंबर 2025 को हुई, जो डेढ़ घंटे तक चली। इस बैठक में क्या हुआ,आइए जानें पूरी डिटेल।
पीएम मोदी और राहुल गाँधी की मीटिंग में क्या हुआ
What happened in the meeting between PM Modi and Rahul Gandhi: रिपोर्ट के अनुसार, यह बैठक प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में हुई, जहां दोनों नेताओं ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। बैठक की अवधि 88 मिनट थी, जो राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में निम्नलिखित मुद्दे शामिल थे:
- केंद्रीय सूचना आयोग (Central Information Commission Appointment) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति
- विजिलेंस कमीशन (Vigilance Commission) के सदस्यों की नियुक्ति
- राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) और आर्थिक नीतियां
राहुल गांधी ने बैठक के बाद कहा, “हमने कई मुद्दों पर चर्चा की, और मैंने प्रधानमंत्री को अपनी चिंताएं बताईं।” उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने केंद्रीय सूचना आयोग और विजिलेंस कमीशन की नियुक्तियों पर आपत्ति जताई, और रिटेन नोट सब्मिट किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के बाद कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने राहुल गांधी की चिंताओं को “गंभीरता” (Seriously) से लिया और कहा कि वे इन मुद्दों पर विचार करेंगे।
इस मीटिंग के दौरान गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद थे. , राहुल ने कुछ हफ्ते पहले सरकार से आवेदकों और चुने गए उम्मीदवारों की जाति की जानकारी मांगी थी। सरकार ने बुधवार को नेता प्रतिपक्ष से इसकी जानकारी साझा की। सूत्रों के मुताबिक, आवेदकों की लिस्ट में सिर्फ 7% लोग पिछड़े समुदाय से थे। चयनित उम्मीदवारों में सिर्फ एक नाम पिछड़े समुदाय से था। राहुल ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई और सभी नियुक्तियों के मानदंडों पर सवाल उठाए। उन्होंने लिखित में अपना असहमति पत्र सौंपा और चयनित उम्मीदवारों से जुड़ी और जानकारी मांगी। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने एक RTI के जवाब में बताया था कि 21 मई को जारी विज्ञापन के बाद CIC के पद के लिए 83 आवेदन मिले। वहीं 14 अगस्त 2024 को इन्फॉर्मेशन कमिश्नर्स के पदों के लिए जारी विज्ञापन पर 161 आवेदन मिले थे।
राजनीतिक गलियारों में चर्चायह बैठक राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई, क्योंकि दोनों नेताओं के बीच वन ऑन वन मीटिंग (One-on-One Meeting) rare होती है। कुछ लोग इसे “पॉजिटिव साइन” मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे “फॉर्मलिटी” (Formality) बता रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बैठक भारत की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू कर सकती है। डॉ. अशोक कुमार (Dr. Ashok Kumar), एक राजनीतिक विश्लेषक, ने कहा, “यह बैठक दोनों नेताओं के बीच संवाद की शुरुआत हो सकती है, जो भारत के हित में है।”प्रभाव: क्या होगा असर?क्या यह बैठक भारत की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू करेगी, या यह सिर्फ एक और मीटिंग रहेगी? अगले कुछ दिनों में इसका असर साफ होगा।
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