Donald Trump’s Swearing: न्योता आया फिर भी ट्रंप के शपथग्रहण में नहीं जाएंगे मोदी!

Donald Trump Oath Ceremony: 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) , यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे, ट्रंप की ओथ सेरेमनी को लेकर अमेरिका से ज्यादा भारत में चर्चा हुई. विपक्ष ने ये अफवाह उड़ाई की ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में उन्हें खुद का अच्छा दोस्त बताने वाले पीएम मोदी (PM Modi Not Invited In Donald Trump’s Swearing) को नहीं बुलाया गया, ये कहा गया कि विदेश मंत्री, इस आमंत्रण के लिए वाइट हॉउस के आगे गिड़गिड़ा रहे हैं, विपक्षी दलों और उनका समर्थन करने वालों ने इस मुद्दे को लेकर विदेश मंत्री और प्रधान मंत्री का खूब मजाक उड़ाया कि उन्हें डोनाल्ड ट्रंप ने बुलाया नहीं।

क्या पीएम मोदी को ट्रंप के शपथग्रहण में नहीं बुलाया गया

PM Modi Not Invited In Donald Trump’s Swearing: लेकिन सच तो ये है कि ट्रंप वेंस इनॉगरल कमेटी ने भारत को निमंत्रण भेजा है और विदेश मंत्री एस जयशंकर भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करने के लिए यहां शामिल भी होने वाले हैं. इस यात्रा को लेकर मिनिस्ट्री ऑफ़ एक्सटर्नल अफेयर्स ने बयान भी जारी किया है. जिसमे एस जयशंकर के अमेरिका जाने की बात कही गई है और ये भी बताया गया है कि विदेश मंत्री डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण में शामिल होने वाले प्रशासनिक प्रतिनिधि और अन्य गणमान्यों के साथ बैठक करेंगे।

मोदी की जगह एस जयशंकर क्यों जा रहे

अबतक विपक्ष और उनका समर्थन करने वाले ये कह रहे थे कि ट्रंप ने मोदी को नहीं बुलाया और जय शंकर निमंत्रण के लिए वाइट हॉउस के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन जब शपथ ग्रहण का निमंत्रण मिला तो ये कहा जाने लगा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पीएम मोदी को धोखा दे दिया, उनकी जगह खुद को इन्विटेशन दिलवा दिया। देखा जाए तो ऐसा बहुत कम ही होता है जब किसी बड़े देश के राष्ट्राध्यक्ष किसी दूसरे बड़े देश के राष्ट्राध्यक्ष के शपथ ग्रहण में शामिल होने के लिए जाएं। ऐसा पहले कभी हुआ भी नहीं कि भारत के कोई प्रधान मंत्री अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में गए हों. वैसे होता यही है कि सरकार ऐसे कार्यक्रमों में अपने प्रतिनिधियों को भेजती है. जाहिर सी बात है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन, भी पीएम मोदी के करीबी माने जाते हैं, भारत रूस की दोस्ती भी पूरी दुनिया में चर्चित है लेकिन पीएम मोदी के शपथ ग्रहण में भी पुतिन शामिल नहीं हुए, इससे भारत और रूस की दोस्ती में कोई फर्क नहीं पड़ा.

मोदी ट्रंप के शपथग्रहण में क्यों नहीं जा रहे

इस मामले में US अम्बेसेडर एरिक गरकेट्टी का स्पष्टीकरण भी आया है. उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की डायरेक्ट मीटिंग से भारत और अमेरिका के अगले अध्याय की शुरुआत होगी, न कि एक भीड़भाड़ वाले शपथ ग्रहण समारोह में न्योता भेजने से. उन्होंने कहा कि – मुझे ये बात मालूम है कि मोदी और ट्रमप बेहद करीबी हैं, मैं इस बारे में सोच रहा हूं जब दोनों की सीधी मुलाकात होगी।

उन्होंने ने बताया कि शपथ लेने के बाद डोनाल्ड ट्रंप पीएम मोदी के साथ वाशिंगटन में वन ऑन वन मीटिंग करेंगे और इसके बाद दोनों की अगली मुलाकात भारत में होगी जब भारत क्वाड बैठक होस्ट करेगा। तो अमेरिकी अम्बेस्डर के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि ट्रंप पीएम मोदी के साथ सीधी बैठक करना चाहते हैं न कि एक भीड़भाड़ वाले समारोह में सिर्फ न्योता देकर औपचारिकता करना चाहते हैं. देखा जाए तो ऐसे मामलों में दोनों देश बहुत सोच विचार करके फैसला लेते हैं, ये वैसी बात नहीं है कि दोस्त ने बर्थडे पार्टी में नहीं बुलाया तो दोस्ती खत्म। ये दो देशों का मामला होता है जिसे समझने के बाद भी विपक्ष ने मुद्दा बनाया।

डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण में शामिल होने वाले मेहमानों के नाम

बहरहाल डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण में शामिल होने वाले प्रमुख मेहमानों की बात करें तो चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी अपने प्रतिनिधि को भेज रहे हैं, उनके अलावा अर्जेंटीना के राष्ट्रपति, हावियर मिलेई, ब्रिटेन के रिफॉर्म यूके पार्टी के प्रमुख नाइजल फराज, जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया, और इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी जैसे नेता इस कर्यक्रम में शामिल होंगे। 20 जनवरी के बाद ऐसा माना जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप वॉर मोड़ में काम करने वाले हैं और शपथ ग्रहण के बाद से ही कुछ बड़े निर्णय लेने वाले हैं जिसका असर दुनिया पर भी पड़ेगा। जिस तरह वे मैक्सिको, कनाडा, ग्रीनलैंड और पनामा को लेकर बयान दे रहे हैं, ऐसा लग रहा है कि भारत की ट्रेड पॉलिसीज को लेकर भी वे कुछ बड़ा एक्शन ले सकते हैं. वैसे आपको क्या लगता है ट्रंप, भारत से रिश्ते सुधारेंगे या उनके रवैये की वजह से रिश्ते बिगड़ जाएंगे ? अपनी राय कमेंट

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