PM Modi China Visit: गलवान में सैन्य संघर्ष के बाद भारत और चीन के रिश्ते कड़वाहट के दौर में पहुँच गए थे। लेकिन अब दोनों देशों के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलती दिख रही है। 31 अगस्त और 1 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगभग सात साल बाद चीन यात्रा पर जा रहे हैं। खबरों के मुताबिक, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का व्यक्तिगत रूप से स्वागत करने वाले हैं। प्रधानमंत्री मोदी तियानजिन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
ग्लोबल टाइम्स प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ कर रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका ने भारत के खिलाफ टैरिफ वॉर छेड़ रखा है। ऐसे मौके पर चीन का सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स भी भारत और प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ कर रहा है। ग्लोबल टाइम्स ने हाल ही में लिखा था कि मोदी चीन दौरे पर आ रहे हैं, यह बहुत बड़ी और अच्छी बात है।
इससे चीन और भारत दोनों को फायदा होगा। शांति और स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा। ग्लोबल टाइम्स ने चीन और भारत को भाई बताते हुए लिखा कि मुश्किल वक्त में भाई की मदद करना अपने लिए भी फायदेमंद होता है। ग्लोबल टाइम्स ट्रंप द्वारा भारत पर टैरिफ लगाने की बात कर रहा था। हालाँकि, भारत और चीन के बीच बढ़ते संबंध निश्चित रूप से अमेरिका के लिए परेशानी का सबब बनेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्राओं पर एक नज़र। PM Modi China Visit
- प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार 14-16 मई 2015 को चीन का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने बीजिंग, शंघाई और शीआन का दौरा किया था।
- प्रधानमंत्री मोदी की दूसरी चीन यात्रा 4-5 सितंबर 2016 को हुई थी। इसके बाद वे हांग्जो में जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने गए थे।
- प्रधानमंत्री मोदी की तीसरी यात्रा 3-5 सितंबर 2017 को हुई थी। इसके बाद प्रधानमंत्री ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने गए थे।
- प्रधानमंत्री मोदी की चौथी चीन यात्रा 27-28 अप्रैल 2018 को हुई थी।
- प्रधानमंत्री मोदी की पाँचवीं चीन यात्रा 9-10 जून 2018 को हुई थी। तब प्रधानमंत्री क़िंगदाओ में एससीओ शिखर सम्मेलन में शामिल हुए थे।
प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा का क्या महत्व है?
प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा को बेहद अहम माना जा रहा है। इस यात्रा का उद्देश्य न केवल संबंधों में नई ऊर्जा लाना है, बल्कि सीमा विवाद के उचित समाधान की दिशा में आगे बढ़ना भी है। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में लगभग 20 विश्व नेता भाग लेंगे। इस सम्मेलन के माध्यम से पश्चिम के दबाव को बेअसर करने पर चर्चा हो सकती है, साथ ही अमेरिकी टैरिफ युद्ध के खिलाफ एक प्रभावी रणनीति भी संभव है। यह वैश्विक दक्षिण एकजुटता दिखाने का एक प्रभावशाली अवसर भी होगा।
संबंधों को मज़बूत करने का एक अवसर। PM Modi China Visit
भारत और चीन के बीच उच्च स्तरीय वार्ताओं का सिलसिला जारी है। हाल ही में चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भारत का दौरा किया था। इस दौरान दोनों पक्षों ने सीमा पर शांति, सीमा वार्ता, ऊर्जा और वाणिज्य जैसे क्षेत्रों में विश्वास बहाली के संकेत दिए हैं। अब प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा से दोनों देश सौहार्दपूर्ण संबंधों की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। यह व्यापार, सामरिक, आर्थिक और राजनीतिक दृष्टि से भी संबंधों को मज़बूत करने का एक बेहतरीन अवसर होगा।
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा? PM Modi China Visit
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के अलावा कुछ द्विपक्षीय बैठकें भी कर सकते हैं। विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर 31 अगस्त और 1 सितंबर को शंघाई सहयोग परिषद (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्षों की 25वीं बैठक के लिए चीन के तियानजिन का दौरा करेंगे।”
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