PM Modi: इलेक्टोरल बॉन्ड पर पीएम ने कर दिया सबकुछ क्लियर

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PM Modi पहली बार इलेक्टोरल बॉन्ड के मुद्दे पर बोले। उन्होंने कहा कि 2014 के पहले भी चुनावों में खर्चा होता था. तब कौन-सा पैसा कहां से आया और किसने खर्च किया, इसकी जानकारी नहीं मिलती थी. कोई भी सिस्टम परफेक्ट नहीं होता। कमियों को सुधारा जा सकता है.

PM मोदी ने ये बातें तमिलनाडु के न्यूज़ चैनल थांथी टीवी को दिए गए एक इंटरव्यू में कही। प्रधानमंत्री से पूछा गया कि क्या इलेक्टोरल बॉन्ड को डेटा पब्लिक होने से पार्टी को झटका लगा है? रविवार को भाजपा ने यूट्यूब चैनल पर इस इंटरव्यू को जारी किया।

प्रधानमंत्री ने कहा, “PM Modi ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम बनाई तो पता चल पा रहा है कि कौन-सा पैसा किसने कब और किसको दिया। जो लोग डेटा पब्लिक होने को लेकर हल्ला मचा रहे हैं, उन्हें बाद में अफ़सोस होगा।”

PM से पूछा गया कि विपक्ष सरकार पर ED-CBI के गलत इस्तेमाल करने का आरोप लग रहा है. इस पर PM ने कहा-हमने ED की स्थापना नहीं की, न की हमारी सरकार PMLA कानून लाई है.

ED को कांग्रेस के MP के घर से नोटों का ढेर मिला

ED और CBI को स्वतंत्र रूप से ही काम करना होगा और कोर्ट के तराजू में उसे स्वतंत्र निकलना होगा। ED के पास फिलहाल 7 हजार केस हैं. उसमे से नेताओं से जुड़े केस 3 प्रतिशत से भी काम हैं.

इस समय नोटों के ढेर पकड़े जा रहे हैं. वाशिंग मशीन में भी नोट मिले हैं. घरों में पानी की पाइप में नोटों की गड्डियां मिली हैं. कांग्रेस के एक MP के घर से और बंगाल के मंत्रियों के घर से नोटों के ढेर मील हैं. हमने बंगाल में करीब 3 हजार करोड़ रुपया अटैच किया है. देश की जनता ये सब चीज़ें सहन करने के लिए तैयार नहीं है.

प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम ने मुझे झकझोर दिया

अयोध्या के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के निमंत्रण ने मुझे झकझोर दिया। इसके बाद मैंने तय किया कि मैं 11 दिन का अनुष्ठान करूंगा। जब मैं अयोध्या पहुंचा और मंदिर प्रांगण में जब मैं एक-एक कदम चल रहा था तो मेरे मन में मंशा थी कि क्या मैं PM हूं, इसलिए जा रहा हूं या भारत के नागरिक के रूप में जा रहा हूं. मैं वहां एक भक्त के रूप में गया था. जैसे ही मैं रामलला के सामने पहुंचा। मैं वहीं अटक गया. शुरुआत में मैं पंडितों की बातों पर भी ध्यान नहीं दे पाया। मेरे मन में विचार प्रकट हुए कि रामलला मुझे कहा रहे हैं कि अब स्वर्णिम युग प्रारम्भ होगया है. भारत के दिन आ चुके हैं. मैं रामलला के दर्शन को शब्दों में बयां नहीं कर सकता हूं.

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