Plaster of the ceiling of the private ward fell in Gandhi Memorial Hospital Rewa: रीवा: संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में एक बार फिर लापरवाही के चलते बड़ा हादसा होते-होते टल गया। प्राइवेट वार्ड में भर्ती एक प्रसूता और उनकी नवजात बेटी उस समय बाल-बाल बच गईं, जब वार्ड की छत का प्लास्टर अचानक भरभराकर गिर पड़ा। इस घटना से अस्पताल में दहशत का माहौल बन गया, जिसके बाद प्रसूता और बच्ची को तुरंत दूसरे वार्ड में स्थानांतरित किया गया।
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जानकारी के अनुसार, रीवा जिले के सिरमौर तहसील के ग्राम बेलवा निवासी नीरज सिंह की पत्नी रूबी सिंह, जो सतना पुलिस विभाग में पदस्थ हैं, को प्रसव के लिए अस्पताल के गायनी वार्ड के प्राइवेट रूम में भर्ती कराया गया था। प्रसव के बाद मां और बेटी वार्ड में थीं, तभी 14 अगस्त की रात करीब 11 बजे छत का प्लास्टर उनके बेड के पास गिर गया। इस हादसे से हड़कंप मच गया। सुरक्षाकर्मियों और नर्स की मदद से दोनों को सुरक्षित दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया।

हैरानी की बात यह है कि घटना की सूचना के बावजूद कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर निरीक्षण के लिए नहीं पहुंचा। यदि प्लास्टर प्रसूता या बच्ची पर गिरता, तो बड़ा हादसा हो सकता था। यह घटना अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को उजागर करती है। पिछले तीन दिनों में यह तीसरी ऐसी घटना है, जिसमें अस्पताल की इमारतों की खराब स्थिति सामने आई है। इससे पहले मेडिकल कॉलेज के नवनिर्मित भवन और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में फॉल सीलिंग गिरने की घटनाएं हो चुकी हैं। इन लगातार हादसों ने मरीजों और उनके परिजनों में दहशत पैदा कर दी है, जबकि प्रबंधन खामोश बना हुआ है।
उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल भले ही रीवा मेडिकल कॉलेज और संबद्ध अस्पतालों को देश व प्रदेश का बड़ा मेडिकल हब बनाने का दावा करते हों, लेकिन इन घटनाओं ने अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही और अव्यवस्था की पोल खोल दी है। मरीजों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।