Piyush Pandey Death Reason: ठंडा मतलब कोका कोला, हर घर कुछ कहता है, दो बूँद जिंदगी की, कुछ मीठा हो जाए और गुगली वुगली वुश, ऐसे TV एड्स की टैग लाइंस मिले सुर मेरा तुम्हारा जैसे गाने की तरह अमर हो गईं, और ऐसी टैगलाइन और यह गाना लिखने वाले एडवर्टीजमेंट किंग पीयूष पांडे (Piyush Pandey)इस दुनिया से रुखसत हो गए. पीयूष पांडे वो नाम हैं जिनके काम ने बड़ी-बड़ी कंपनियों और नेताओं के नाम और भी बड़े कर दिए. हमारे-आपके बचपन की कई मजेदार यादें पीयूष पांडे की ही बनाई हुई हैं। जैसे 2007 में आया वो फेविकोल का अवार्ड विनिंग एड जिसमे ट्रक में बैठे ढ़ेर सारे लोग ऊबड़खाबड़ सड़क में भी गिरते नहीं हैं क्योंकी उसमे फेविकोल लिखा रहता है, और 2002 में आया एशियान पेंट्स का एड जहां पिता की यादें दीवारों पर जीवित हो उठती हैं और टैगलाइन रहती है “हर घर कुछ कहता है और ऑल टाइम फेवरेट हच सिम का एड जिसमे एक पग अपने दोस्त के पीछे-पीछे चलता रहता है और टैगलाइन आती है ‘व्हेयरवर यू गो, हच इज विदू’
इन तमाम मजेदार एड्स बनाने वाले पीयूष पांडे ही थे जिनके काम को आपने बिना उनके नाम को जाने बहुत चाहा। 24 अक्टूबर को 70 साल की उम्र में गंभीर संक्रमण से जूझ रहे उन्ही पीयूष पांडे का मुंबई में निधन हो गया.
1955 में जयपुर में जन्मे पीयूष पांडे की एकेडमिक्स टॉप क्लास रही, सेंट जेवियर से स्कूलिंग, सेंट स्टीफेन कॉलेज दिल्ली से हिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन मगर उन्होंने अपना करियर बनाया एडवर्टीजमेंट की दुनिया में. 27 की उम्र में उन्होंने अपने भाई प्रसून पांडे के साथ मिलकर रेडिओ जिंगल्स बनाना शुरू किया और एडवर्टीजमेंट कंपनी ओगिल्वी में जॉब की और कुछ सालों बाद उसी कंपनी ने उन्हें वर्ल्डवाइड बोर्ड के लिए नॉमिनेट किया और वह कंपनी के चेयरमैन बन गए.
वो सिर्फ एड स्क्रिप्ट नहीं लिखते थे वो भारतीय विज्ञापनों की आवाज थे, उनकी आत्मा थे. वे क्रिएटिवि का खजाना थे और एक शानदार लिरिसिस्ट भी थे. राष्ट्रीय एकता और विविधता में एकता को बढ़ावा देने के लिए दूरदर्शन में 1988 में एक गाना रिलीज हुआ था जिसे लता मंगेशकर, बालमुरलीकृष्ण और सुचित्रा मित्रा ने मिलकर गाया था ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ यह गाना पद्मश्री पीयूष पांडे द्वारा ही लिखा गया था जो भारत की अनेकता में एकता का लाइफ टाइम एंथम बन गया. 2016 में उन्हें भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया और 2024 में उन्हें LIA लेजेंड अवार्ड भी मिला।
1989 में बजाज स्कूटर का भी एड TV पर आया था, हमारा बजाज जिसने बजाज कंपनी को आम भारतीयों की जिंदगी का हिस्सा बना दिया इस एड को लिखने वाले भी पीयूष पांडे ही थे.
पीयूष पांडे ही वो शख्स थे जिन्होंने 2014 में बीजेपी और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के लिए ‘अबकी बार मोदी सरकार’ जैसे कई टैगलाइन लिखे जिनका इस्तेमाल बीजेपी हमेशा करती है. पीएम मोदी को बदलाव का चेहरा बनाने के पीछे पीयूष पांडे की कलम थी जिन्होंने में 2014 के इलेक्शन कम्पैन में 50 दिनों के अंदर 200 से ज्यादा टीवी कमर्शियल, 100 से ज्यादा रेडियो एड और हर रात 100 से ज्यादा प्रिंट एड निकाले।
पीयूष पांडे ने स्लोगन्स से ज्यादा कहानियों पर जोर दिया। उनके विज्ञापन भावनाओं, हास्य और भारतीय संस्कृति से भरे होते थे। यही वजह है कि उनके स्लोगन्स सिर्फ़ लाइन नहीं, सांस्कृतिक संवाद बन गए। उनके बनाए जिंगल्स अमर हैं और इस दुनिया से अलविदा कहने के बाद भी पीयूष पांडे अमर हो गए.
वैसे इन TV एड्स में आपका सबसे पसंदीदा जिंगल कौन सा था, हमें कमेंट में जरूर बताएं। धन्यवाद।

