Pitru Paksha upay: हिंदू धर्म में पितृपक्ष को काफी विशेष माना जाता है। यह ऐसा समय होता है जब पितृ धरती पर आकर अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं। कहा जाता है कि पितृपक्ष के दौरान जब पितृ धरती पर आते हैं तब उन्हें तर्पण देना चाहिए। ऐसा करने से पितरों को तृप्ति मिलती है।
तर्पण का अर्थ है पितरों का स्मरण करते हुए उन्हें जल, भोजन और श्रद्धा अर्पित करना। ऐसा करने से परिवारों का पितृ दोष दूर होता है और घर परिवार में सुख शांति का वास होता है। आज के इस लेख में हम आपको इसी से जुड़े कुछ आसान उपाय बताएंगे।
पितृपक्ष में तुलसी पूजन से मिलता है मोक्ष
जी हां, शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष में विशेष कार्यों के साथ-साथ तुलसी से जुड़े कुछ उपाय किए जाएं तो पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। पितरों की भटकती हुई आत्मा को इससे तृप्ति मिलती है और वह सीधा मोक्ष को प्राप्त होते हैं। हालांकि श्राद्ध कर्म और तर्पण बेहद फलदाई होते हैं।
परंतु तुलसी के यह विशेष उपाय पितरों को आसान मोक्ष प्रदान करते हैं। तुलसी को भारतीय संस्कृति में पूजनीय माना जाता है। इसे विष्णु की प्रिय भी कहा जाता है। ऐसे में तुलसी के हर पत्ते में मोक्षदायक गुण होते हैं और आज के इस लेख में हम इसी से जुड़े कुछ विशेष उपाय बताएंगे।

पितृ पक्ष में तुलसी से जुड़े विशेष उपाय
तर्पण में तुलसी का प्रयोग: पितृपक्ष के दौरान जब आप पितरों के लिए तर्पण कर रहे हो तब तुलसी दल का प्रयोग अवश्य करें, ऐसा करने से पितरों को सीधा विष्णु के श्री चरणों में स्थान मिलता है तुलसी का पवित्र स्पर्श पितरों को संतोष पहुंचाता है।
तुलसी के पास दीपक जलाना: पितृपक्ष के दौरान रोजाना शाम को तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाने से पितरों को उज्ज्वल मार्ग की प्राप्ति होती है। पितरों तक इसका प्रकाश पहुंचता है और उन उन्हें मोक्ष मिलता है जिसके बदले में वे आपको आशीर्वाद देते हैं।
रोजाना तुलसी माला से पितरों के लिए मंत्र जाप: पितृपक्ष के दौरान तुलसी माला से पितरों की शांति हेतु मंत्र जाप करने से भी विशेष लाभ मिलते हैं। ऐसा करने से पितृ दोष समाप्त हो जाता है। पितरों को समर्पित मंत्र जैसे कि ओम नमः भगवते वासुदेवाय का जाप तुलसी की माला से जपने पर पितृ प्रसन्न होते हैं।
तुलसी के पौधे में जल अर्पण : पितृपक्ष में रोजाना सुबह आपके द्वारा तुलसी के पौधे में शुद्ध जल अर्पित करने से पितरों को शांति मिलती है। तुलसी की सेवा अर्थात साक्षात श्री हरि की सेवा और जब पितरों का स्मरण करते हुए तुलसी सेवा की जाती है तो पितरों को कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।