Phule Controversy: हाल ही में एक फिल्म के ट्रेलर रिलीज़ (phule movie trailer) ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा कर रख दी है। जी हां हाल ही में महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित फिल्म फुले को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मच चुकी है। फिल्म के ट्रेलर में ही इस फिल्म को विवादों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है, जहां कुछ लोग फिल्म के ट्रेलर के रिलीज के बाद इसे जातिवाद को बढ़ावा देने वाली मूवी करार दे रहे हैं।

फ़िल्म फुले के ट्रेलर से क्यों परेशान है ब्राह्मण संगठन
बता दें यह फिल्म ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले के जीवन पर बनी है। महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले (mahatma jyotiba phule) जिन्होंने देश से जातिवाद को हटाने के लिए काफी मेहनत और मशक्कत की उनके जीवन पर बनी इस फ़िल्म के कुछ सीन में ब्राह्मण समुदाय की छवि को नकारात्मक रूप से पेश किए जाने का इल्जाम लगाया जा रहा है। हालांकि ट्रेलर को देखते हुए फिल्म में असली कहानी कैसी होगी इसके बारे में कह पाना मुश्किल है परंतु ब्राह्मण संगठनों का कहना है कि यह फिल्म जातिगत विभाजन को हवा दे सकती है।
फिर टली रिलीज़ डेट (phule movie release date)
फ़िल्म ‘फुले’ को लेकर बढ़ते हुए विवाद के चलते फिल्म के मेकर्स ने इस फिल्म की रिलीज को दो सप्ताह के लिए टाल दिया है(phule movie prateek gandhi) और अब यह रिलीज 25 अप्रैल को पूरा किया जाएगा। बता दे इससे पहले यह रिलीज 11 अप्रैल 2025 को किया जाना था परंतु ब्राह्मण संगठनों द्वारा लगाए गए आरोपों के चलते फ़िल्म से कुछ दृश्यों को हटाने की मांग पर चर्चा चल रही है ताकि आपत्तिजनक सीन हटाए जा सके जिससे किसी की भी भावना आहत न हो।
हालांकि महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में इस फिल्म के रिलीज से पहले ही भाजपा बनाम शिवसेना हो चुका है। अर्थात भाजपा ने शिवसेना पर आरोप लगाया है कि शिवसेना इस मूवी को लेकर अनावश्यक विवाद पैदा कर रही है। फिल्म अतीत पर आधारित है जहां सच में पिछड़ी जातियों के साथ भेदभाव होता था परंतु वर्तमान में ऐसा नहीं है ऐसे में विरोध का कोई कारण भी नहीं बनता। परंतु शिवसेना के कुछ सांसदों का कहना है कि यह फिल्म भले ही अतीत पर बनी है परंतु यह फिल्म देश में जातिवाद मुद्दों को प्रेरित कर सकती है जिससे जातिगत विभाजन को और ज्यादा बढ़ावा मिल सकता है।
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कुल मिलाकर ‘फुले’ फिल्म पर उठे विवाद में महाराष्ट्र की राजनीति में जातिगत मुद्दों को फिर से उजागर कर दिया है। इस फिल्म के रिलीज से पहले जहां एक ओर इस फिल्म को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और ऐतिहासिक सच्चाई बता रहे हैं वहीं कुछ लोग फिल्म के कुछ दृश्य पर आपत्ति जता रहे हैं और इस फिल्म से कुछ सीन हटाने की मांग कर रहे हैं। हालांकि अब यह देखना होगा कि 25 अप्रैल 2025 की रिलीज के बाद यह फिल्म दर्शकों को किस प्रकार लुभाती है और किस प्रकार इस फिल्म से लोग प्रेरित होते हैं।