PHQ Bhopal Fake Medical Bill: मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय की मेडिकल शाखा में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। यह घोटाला किसी और ने नहीं, बल्कि पुलिसकर्मियों ने ही किया। तीन पुलिस अधिकारियों ने मिलकर लगभग 15 लाख रुपये की ठगी को अंजाम दिया।
PHQ Bhopal Fake Medical Bill: मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय की मेडिकल शाखा में एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। यह घोटाला किसी बाहरी व्यक्ति ने नहीं, बल्कि पुलिसकर्मियों ने ही अंजाम दिया। तीन पुलिस अधिकारियों ने मिलकर करीब 15 लाख रुपये की ठगी की। आरोपियों में एक सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई), एक सूबेदार और एक हेड कांस्टेबल शामिल हैं। ये पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (PTRI) के 25 कर्मचारियों के नाम पर फर्जी मेडिकल बिल बनाकर सरकारी राशि अपने खातों में हस्तांतरित करते रहे।
घोटाले का खुलासा
जानकारी के अनुसार, यह ठगी 2023 से जुलाई 2025 तक चली। पीटीआरआई के कुछ कर्मचारियों को तब शक हुआ, जब उनके खातों में बिना आवेदन के मेडिकल भुगतान की राशि जमा हुई। सूबेदार नीरज कुमार ने फोन कर कर्मचारियों से कहा, “गलती से पैसे आए हैं, वापस भेज दें।” बार-बार ऐसी घटनाओं के बाद कर्मचारियों ने फरवरी 2025 में वरिष्ठ अधिकारियों को लिखित शिकायत दी। प्रारंभिक जांच में पता चला कि यह कोई तकनीकी गलती नहीं, बल्कि सुनियोजित धोखाधड़ी थी। डीएसपी ओपी मिश्रा ने विस्तृत जांच कर रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंपी।
एफआईआर दर्ज, आरोपी फरार
मामले की गंभीरता को देखते हुए जहांगीराबाद थाने में तीनों पुलिसकर्मियों एएसआई हर्ष वानखेड़े, सूबेदार नीरज कुमार और हेड कांस्टेबल राजपाल ठाकुर के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र और जालसाजी के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई। तीनों को फरवरी 2025 में एक अन्य धोखाधड़ी के मामले में निलंबित किया गया था। वर्तमान में वे फरार हैं।
पहले भी 76 लाख की ठगी
यह पहली बार नहीं है जब ये पुलिसकर्मी फर्जीवाड़े में शामिल पाए गए। फरवरी 2025 में इनके खिलाफ एक अन्य मामले में केस दर्ज हुआ था, जिसमें इन्होंने लेखा शाखा में रहते हुए अपने और परिजनों के नाम पर फर्जी मेडिकल बिल बनाकर 76 लाख रुपये हड़पे थे। तब उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। अब नए मामले में भी वे नामजद हैं और फरार हैं।
