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Peter Navarro: ट्रंप का वफादार बना भारत का आलोचक, जानें कौन हैं पीटर नवारो

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US India Tariff Brahmin: पीटर नवारो एक अमेरिकी अर्थशास्त्री हैं। वह जनवरी 2025 से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के व्यापार और विनिर्माण मामलों के वरिष्ठ सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं। 2020 के राष्ट्रपति चुनाव को पलटने की कोशिश के चलते नवारो पर 2022 में कांग्रेस की अवमानना के दो मामलों में अभियोग लगाया गया। 2024 में उन्हें चार महीने की जेल की सजा सुनाई गई थी.

Peter Navarro Brahman Statement: व्हाइट हाउस के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने एक बार फिर भारत पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ का बचाव करते हुए भारत को ‘क्रेमलिन की धुलाई का अड्डा’ करार दिया। व्हाइट हाउस के ट्रेड और मैन्युफैक्चरिंग मामलों के वरिष्ठ सलाहकार नवारो ने फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में दावा किया कि ‘ब्राह्मण भारतीय लोगों की कीमत पर मुनाफाखोरी कर रहे हैं।’ यह टिप्पणी अमेरिकी फेडरल सर्किट अपील कोर्ट के 7-4 के फैसले के जवाब में आई, जिसमें कहा गया कि ट्रंप ने कई देशों पर व्यापक टैरिफ लगाकर इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर्स एक्ट (IEEPA) के तहत अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया।

पीटर नवारो कौन हैं?/ Peter Navarro Kaun Hai

Who is Peter Navarro: 1949 में जन्मे पीटर नवारो एक अमेरिकी अर्थशास्त्री और कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के इरविन पॉल मेरेज स्कूल ऑफ बिजनेस में अर्थशास्त्र और सार्वजनिक नीति के एमेरिटस प्रोफेसर हैं। उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पीएचडी की है। जनवरी 2025 से वह ट्रंप प्रशासन में व्यापार और विनिर्माण मामलों के वरिष्ठ सलाहकार हैं। इससे पहले, उन्होंने ट्रंप के पहले कार्यकाल में व्हाइट हाउस राष्ट्रीय व्यापार परिषद के निदेशक और ट्रेड एंड मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी ऑफिस के डायरेक्टर के रूप में काम किया था।

ट्रंप के वफादारों में से एक

नवारो ट्रंप के सबसे वफादार सहयोगियों में से एक हैं। 2016 के राष्ट्रपति अभियान से उनकी ट्रंप के साथ निकटता रही है। वह टैरिफ को नीतिगत उपकरण के रूप में प्रबलता से समर्थन करते हैं और माना जाता है कि उन्होंने ट्रंप के पहले कार्यकाल में चीन पर टैरिफ लगाने जैसे फैसलों को प्रभावित किया था।

रूस-यूक्रेन युद्ध को ‘मोदी का युद्ध’ करार दिया

76 वर्षीय नवारो ने 27 अगस्त, 2025 से भारतीय वस्तुओं पर लागू 50 प्रतिशत टैरिफ का बचाव किया और भारत की विदेश नीति की आलोचना की। ब्लूमबर्ग टीवी को दिए इंटरव्यू में उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध को ‘मोदी का युद्ध’ करार दिया और भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने पर सवाल उठाए। उन्होंने दावा किया कि यूक्रेन में शांति का रास्ता नई दिल्ली से होकर गुजरता है। इसके अलावा, फाइनेंशियल टाइम्स में प्रकाशित अपने लेख में नवारो ने भारत की विदेश नीति को ‘रणनीतिक मुफ्तखोरी’ बताया और ट्रंप को इस ‘पागलपन’ का सामना करने वाला नेता करार दिया।

चीन के खिलाफ सख्त नीतियों का समर्थक हैं नवारो

नवारो को चीन के खिलाफ सख्त नीतियों का समर्थक माना जाता है। 2017 में ट्रंप प्रशासन में शामिल होने के बाद उन्होंने प्रोटेक्शनिस्ट ट्रेड पॉलिसी को बढ़ावा दिया और चीन के खिलाफ व्यापार युद्ध में अहम भूमिका निभाई। उनकी किताब द कमिंग चाइना वॉर्स (2006) में उन्होंने चीन के आर्थिक और सैन्य उभार को वैश्विक खतरे के रूप में चित्रित किया, जिसमें व्यापार में धोखाधड़ी से लेकर जलवायु परिवर्तन तक के मुद्दे शामिल थे।

चार महीने जेल में रह चुके है पीटर नवारो

2020 के राष्ट्रपति चुनाव को पलटने की कोशिश के चलते नवारो पर 2022 में कांग्रेस की अवमानना के दो मामलों में अभियोग लगाया गया। 2024 में उन्हें चार महीने की जेल की सजा सुनाई गई, जिसके बाद वह इस आरोप में जेल जाने वाले पहले पूर्व व्हाइट हाउस अधिकारी बने। 2025 में उनकी नियुक्ति की घोषणा करते हुए ट्रंप ने कहा कि नवारो के साथ ‘डीप स्टेट’ ने बहुत बुरा व्यवहार किया।

नवारो की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया

अमेरिकी पत्रकार रिक सांचेज ने नवारो की भारत विरोधी टिप्पणियों को ‘हास्यास्पद’ करार दिया और कहा, “वह बहुत समझदार व्यक्ति नहीं हैं और उन्हें कभी बड़ा विचारक नहीं माना गया।”

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