पिछले वित्त वर्ष यानी 2023-24 की समान तिमाही में घाटा 357 करोड़ रुपये था। इसका मतलब है कि कंपनी का घाटा 134% बढ़ गया
पेटीएम (PAYTM) की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस को वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 839 करोड़ रुपये का वार्षिक घाटा हुआ है। पिछले वित्त वर्ष यानी 2023-24 की समान तिमाही में घाटा 357 करोड़ रुपये था। इसका मतलब है कि कंपनी का घाटा 134% बढ़ गया। कंपनी का राजस्व भी गिरा है। अप्रैल-जून तिमाही में पेटीएम का परिचालन से राजस्व 1,502 करोड़ रुपये था। पिछले साल की समान तिमाही में राजस्व 2,342 करोड़ रुपये था। इसका मतलब है कि पहली तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू साल-दर-साल 36% कम हुआ।
प्रतिबंध का असर इसके कामकाज पर पड़ा
पेटीएम पेमेंट बैंक पर लगाए गए आरबीआई के प्रतिबंध का असर इसके कामकाज पर पड़ा है। तिमाही नतीजे घोषित होने के बाद पेटीएम के शेयरों में करीब 1% की तेजी आई। इसकी कीमत 450 रुपये है। पिछले वर्ष के दौरान कंपनी का स्टॉक लगभग 45% नीचे है। वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में इसने 839 करोड़ रुपये का वार्षिक घाटा दर्ज किया। पिछली तिमाही यानी जनवरी-मार्च में कंपनी को 550 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। इसका मतलब है कि घाटा तिमाही दर तिमाही 53% बढ़ गया। जबकि अप्रैल-जून तिमाही में पेटीएम का परिचालन से राजस्व 1,502 करोड़ रुपये था। पिछली तिमाही यानी जनवरी-मार्च में पेटीएम का परिचालन से राजस्व 2,267 करोड़ रुपये था। इसका मतलब है कि कंपनी का रेवेन्यू तिमाही दर तिमाही 34% कम हुआ है।
पेटीएम पेमेंट बैंक खाते में पैसा जमा नहीं होगा
31 जनवरी, 2024 को जारी एक सर्कुलर में आरबीआई ने कहा कि 29 फरवरी (बाद में इसे 15 मार्च तक बढ़ा दिया गया) के बाद पेटीएम पेमेंट बैंक खाते में पैसा जमा नहीं किया जाएगा। इस बैंक के माध्यम से वॉलेट, प्रीपेड, फास्टैग या अन्य सेवाओं में पैसा जमा नहीं किया जा सकता है। हालांकि, पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ग्राहकों के बचत खाते, चालू खाते, प्रीपेड उपकरण, फास्टैग, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड आदि से पैसे निकालने या इस्तेमाल करने पर कोई प्रतिबंध नहीं था। इसका उपयोग तब तक किया जा सकता है जब तक कि शेष राशि समाप्त न हो जाए।
पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस ने अगस्त 2009 में पेटीएम भुगतान ऐप लॉन्च किया। इसके संस्थापक विजय शेखर शर्मा हैं। फिलहाल देश में पेटीएम के 30 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं। पेटीएम का बाजार पूंजीकरण करीब 28 हजार करोड़ रुपये है।