Pausha Putrada Ekadashi 2025: कब है नए वर्ष की पहली एकादशी? जानें क्यों खास है यह

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Pausha Putrada Ekadashi 2025: नए वर्ष यानी साल 2025 की पहली एकादशी पौष मास की पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi 2025) होगी. ऐसा माना जाता है कि इस एकादशी व्रत करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है. साथ ही भगवान विष्णु की कृपा भी प्राप्त होती है.

Pausha Putrada Ekadashi 2025: पौष पुत्रदा एकादशी का पर्व भगवान विष्णु के लिए समर्पित है, जो जीवन के सभी दुखों को दूर कर और धर्म के मार्ग को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण होता है. प्रत्येक वर्ष कुल 24 एकादशी व्रत होते हैं और हर एकादशी का अपना अलग महत्व होता है. इस वर्ष की पहली एकादशी यानी पौष पुत्रदा एकादशी, 10 जनवरी को मनाई जाएगी. इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इससे भगवान विष्णु के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है.

पौष पुत्रदा एकादशी 2025 की तिथि और मुहूर्त

Pausha Putrada Ekadashi 2025 Date and Muhurat: 2025 की पहली एकादशी पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को होगी. इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि की प्राप्ति होती हैं. इस तिथि का मुहूर्त 9 जनवरी 2025 को दोपहर 12:22 बजे शुरू होगा और 10 जनवरी 2025 को सुबह 10:19 बजे समाप्त हो जाएगा। पौष पुत्रदा एकादशी पूजा का मुहूर्त सुबह 8:34 से सुबह 11:10 तक रहेगा. इस व्रत का पारण 11 जनवरी 2025 को सुबह 7:15 से 8:21 के बीच किया जाएगा.

पौष पुत्रदा एकादशी पूजा विधि

Pausha Putrada Ekadashi Puja Vidhi: एकादशी के दिन पारंपरिक रूप से निर्जला व्रत रखा जाता है. यानी बिना जल ग्रहण किए व्रत करना होता है. हालांकि, यदि कोई निर्जला व्रत नहीं रख सकता, तो वह फलाहार भी कर सकता है. दूध के साथ फल भी ग्रहण कर सकता है.

क्यों महत्वपूर्ण है पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत?

Pausha Putrada Ekadashi Vrat Importance: पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से संतान को सुख और दीर्घायु मिलती है. कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने से संतान सुख प्राप्त होता है और वे बच्चे स्वस्थ रहते हैं. साथ ही, यह व्रत सभी प्रकार के पापों से मुक्ति दिलाता है और उच्च लोकों की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त कराता है.

पौष पुत्रदा एकादशी पर क्या नहीं करना चाहिए?

पुत्रदा एकादशी के दिन किसी के बारे में बुरा नहीं बोलना चाहिए.
पुत्रदा एकादशी के दिन शराब और सिगरेट का सेवन नहीं करना चाहिए.
पुत्रदा एकादशी के दिन मांसाहारी भोजन, प्याज और लहसुन नहीं खाना चाहिए.
पुत्रदा एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए.
पुत्रदा एकादशी के दिन चावल नहीं खाने चाहिए.

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