Khan Sir Arrest : बीपीएससी में सामान्यीकरण नहीं रखने की मांग को लेकर शुक्रवार को राजधानी पटना में दिनभर चले हंगामे के बीच बड़ी खबर सामने आ रही है। मिली खबर के मुताबिक शुक्रवार की शाम पटना पुलिस ने चर्चित कोचिंग संचालक खान सर और छात्र नेता दिलीप को हिरासत में ले लिया। आपको बता दें कि बीपीएससी अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज के बाद आज खान सर भी उनके विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। गर्दनीबाग स्थित धरना स्थल पर पहुंचे खान सर ने अभ्यर्थियों के समर्थन में आवाज बुलंद की।
बताया जा रहा है कि गर्दनीबाग थाने की पुलिस ने शुक्रवार की देर शाम कोचिंग संचालक खान सर और छात्र नेता दिलीप को हिरासत में ले लिया और थाने ले गई। जानकारी यह भी सामने आ रही है कि प्रशासन ने यह भी कहा है कि जल्द से जल्द आंदोलनकारी अभ्यर्थियों को मौके से हटा दिया जाएगा।
पटना के गर्दनीबाग में छात्रों का प्रदर्शन जारी। Khan Sir Arrest
शुक्रवार सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे तक करीब चार घंटे तक पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच कहासुनी चली। इस दौरान पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा। दिन में हुए इस हंगामे के बाद सभी आंदोलनकारी अभ्यर्थी राजधानी के गर्दनीबाग इलाके में चल रहे धरना स्थल पर चले गए और वहां अपना धरना जारी रखा। शुक्रवार की शाम राजधानी के दो बड़े कोचिंग संचालक खान सर और गुरु रहमान भी इन अभ्यर्थियों के बीच पहुंचे। उन्होंने कहा था कि वे छात्रों का समर्थन करेंगे। अब यह बात सामने आ रही है कि दोनों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
प्रदर्शन में क्या बोले खान सर? Khan Sir Arrest
खान सर ने छात्रों से अपील करते हुए कहा कि आप लोग क्लास के छात्र हैं या नहीं? क्या आप लोग ऐसे लोगों को घुसने देंगे? खान सर ने कहा कि माफिया लोग ध्यान से सुन लें कि आप जहां जाना चाहते हैं, हम यहां से वापस नहीं लौटेंगे। अगर हम यहां से लौटेंगे, तो सामान्यीकरण रद्द होने के बाद ही जाएंगे। माफिया लोगों की कोई जरूरत नहीं है। उन्हें यहां से चले जाना चाहिए।
तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार को बताया तानाशाह।
बता दें कि पटना में लाठीचार्ज की धमक बिहार के राजनीतिक गलियारों तक पहुंच गई है, जिस पर बिहार के विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे बिहार सरकार की तानाशाही बताया और नीतीश सरकार से सवाल किया कि सरकार के लिए बिहार के छात्रों से संवाद स्थापित करना क्यों मुश्किल हो रहा है। l इस घटना ने पटना के छात्रों को अपने अधिकारों के लिए और प्रेरित किया है और सरकार पर दबाव बनाने का सिलसिला तेज हो गया है।