Bihar Cabinet Portfolio, Bihar cabinet Ministers list In Hindi: बिहार में चल रही राजनितिक गहमा-गहमी के बीच NDA गठबंधन में शपथ लेने वाले सभी मंत्रियों को मंत्रालय बाँट दिया गया है. हर बार की तरह इस बार मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने गृह मंत्रालय अपने पास ही रखा है. साथ ही उन्होंने सैन्य प्रशासन, निगरानी और निर्वाचन मंत्रालय संग ऐसे सभी विभागों को अपने अंतर्गत रखा है जो अभी किसी को आवंटित नहीं हुए हैं.
बात डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी(Samrat Choudhary) की करें तो उन्हें कुल ९ मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी गई है. जिसमे वित्त, वाणिज्य-कर, नगर विकास एवं आवास, पंचायती राज, उद्योग संग और भी मंत्रालय शामिल हैं. बता दें की सवास्थ्य एवं पशु स्वस्थ्य मंत्रालय भी चौधरी को ही सौंपा गया है.
वहीँ विजय कुमार सिन्हा जो की NDA गठबंधन में बिहार के दूसरे उपमुख्यमंत्री बनें हैं, उन्हें भी सम्राट चौधरी के बराबर ही यानी कुल 9 मंत्रालयों की जिम्मेदारी दी गयी है. जिसमें कृषि, पथ निर्माण, राजस्वा एवं भूमि सुधार, खान एवं भूतत्व मंत्रालय संग कुल नौ मंत्रालय सौंपे गए हैं.
आइए जानते हैं किन-किन को कौन-कौन से मंत्रालय मिले हैं-
खेला अभी बाकी है
Tejaswi Yadav News In Hindi: बिहार में अब फिरसे एक बार साथ और मंत्रालयों के बाटने का कार्य तो हो चुका है. बस कुछ बाकी है तो 12 फरवरी को मुख्यंत्री द्वारा बहुमत को साबित करना। बता दें की पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव् ने पहले ही बोला है कि 12 को बिहार में खेला होगा. इस सिलसिले में राजद लगातार बैठकें भी कर रही है. वही तेजस्वी यादव भी राजनीती के इस खेल को अब फ्रंट फुट पर खेलते हुए नज़र आ रहें हैं. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि RJD भी बहुत से चंद सीट ही पीछे है.
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राजनीती के इस गहमा-गहमी में सभी पार्टिया की नज़र अपने-अपने विधायकों को बचानेपर भी गड़ी हुई हैं. RJD जहाँ मीटिंग पर मीटिंग किए जा रही है वहीं बीजेपी और जदयू भी अपने विधायकों को अपने ही खेमे में साधे रखने की पूरजोर कूबत में लगी हुई हैं.
क्या तेजस्वी का हाथ छोड़ना निट्रिश को पड़ेगा भारी ?
कुछ मीडिया रिपोर्ट की माने तो RJD का दामन छोड़ BJP का हाथ पकड़ने से नितीश को 5 बड़े नुक्सान का सामना करना पड़ सकता है जो कि तेजस्वी के लिए मन चाहा फल जैसा सिद्ध हो सकता है.
- नितीश से अलग होने से तेजस्वै अब खुद की छवि को और चमका सकेंगे। उन्हें अब हर चीज में नितीश कुमार को क्रेडिट देने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.
- वहीं बीजेपी के साथ जाने से नितीश के अल्पसंख्यक वोटबैंक में जो कमी आएगी उसका सीधा फायदा भी तेजस्वी को ही मिलेगा।
- वहीं आगामी लोकसभा के चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर कौनों कपार-फोड़ौव्वल करने की जरूरत नहीं करनी पड़ेगी। और नाही अब RJD को नितीश द्वारा मांगे गए 16 सीटों की चिंता रहेगी.
- वहीँ BPSC के माध्यम से लाखों शिक्षकों को नौकरी दिए जाने का श्रेय भी तेजस्वी को ही मिलेगा। जिसके प्रचार-प्रसार में वो अभी से लग भी गए हैं.
- साथ ही इस नए गठबंधन के कारण इधर-उधर छिटके यादवों के वोट को भी साधने में तेजस्वी को मदद मिलेगी.
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