Patanjali Ghee Ban : बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि का घी अगर आप भी खाते हैं तो सावधान हो जाएं। क्योंकि पतंजलि का घी खाने लायक नहीं है। इसे लैब टेस्ट में फेल कर दिया गया है। जाँच रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर आप पतंजलि का घी खाते हैं तो आप बीमार हो सकते हैं। इस घी को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया गया है।
खाने लायक नहीं है पतंजलि का घी
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में एक जांच के दौरान पता चला कि पतंजलि का घी मानकों पर खरा नहीं उतरा है। इसीलिए खाद्य विभाग ने लोगों को सतर्क कर दिया है और कहा है कि जो भी इस घी का सेवन करेगा, वो बीमार हो सकते हैं। स्वास्थ्य के लिहाज से यह घी सुरक्षित नहीं है। इससे साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। इसलिए लोगों को इस घी का सेवन नहीं करने की सलाह दी गई है।
पतंजलि घी के दोनों सैंपल मनकों में निकले गड़बड़
यह पहली बार नहीं है कि पतंजलि का कोई प्रोडक्ट जांच में फेल हुआ हो। इससे पहले भी कई प्रोडक्ट कंपनी के फेल होने की खबरें आ चुकी हैं। इस बार मामला पिथौरागढ़ का है। यहां के खाद्य सुरक्षा विभाग ने पतंजलि के घी का सैंपल लिया था। इस सैंपल को रूद्रपुर और गाजियाबाद की लैब में जांच के लिए भेजा गया। दोनों जगह ही घी मानकों पर खरा नहीं पाया गया।
खाद्य विभाग अधिकारी बोले- ये घी स्वास्थ्य के लिए खतरनाक
खाद्य विभाग के अधिकारी आरके शर्मा ने बताया कि घी की जांच रिपोर्ट में यह साबित हुआ कि यह खाने लायक नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर कोई इस घी का सेवन करता है, तो उसकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। यह घी स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। सैंपल लेने की पूरी प्रक्रिया भी बड़ी सावधानी से की गई थी। 20 अक्टूबर 2020 को पिथौरागढ़ के कासनी में स्थित करन जनरल स्टोर से इस घी का नमूना लिया गया। फिर इसे रुद्रपुर की सरकार की प्रयोगशाला में भेजा गया। वहां भी यह मानकों से नीचे पाया गया। इस रिपोर्ट के आधार पर कंपनी को सूचित किया गया।
कंपनी जानबूझकर सालों तक चुप रहीं
पतंजलि कंपनी ने जब इसकी जानकारी पाई तो वह कुछ सालों तक चुप रही। फिर 2021 में कंपनी ने जांच कराने की इच्छा जाहिर की। इसके लिए उन्होंने सेंट्रल लैब से जांच कराने का प्रस्ताव दिया। इसके लिए कंपनी ने 5 हजार रुपए भी दिए। अगले साल 16 अक्टूबर 2021 को राष्ट्रीय खाद्य प्रयोगशाला गाजियाबाद में नमूने जांच के लिए भेजे गए। वहां भी घी मानकों पर खरा नहीं पाया गया। रिपोर्ट 26 नवंबर 2021 को आई। इस रिपोर्ट में भी कहा गया कि यह घी खाने लायक नहीं है।
पतंजलि पर 1 लाख रुपए का जुर्माना
जाँच रिपोर्ट आने के बाद दो महीने तक इसकी समीक्षा की गई। फिर 17 फरवरी 2022 को कोर्ट में मामला दाखिल किया गया। कंपनी, डिस्ट्रीब्यूटर और विक्रेता सभी पर कार्रवाई की गई। कोर्ट ने इन तीनों पर जुर्माना लगाया। पतंजलि कंपनी पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगा। ब्रह्म एजेंसिज (डिस्ट्रीब्यूटर) पर 25,000 रुपए और करन जनरल स्टोर (विक्रेता) पर 15,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया।
खाद्य विभाग ने सबूत के तौर पर रिपोर्ट और सबूत कोर्ट को दिए। कोर्ट ने इन सबूतों के आधार पर यह फैसला सुनाया। यह फैसला 1,348 दिनों के बाद आया।
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