Parvati Kalisindh Chambal River Linking Project | मध्य प्रदेश के करोडो नागरिको के लिए बड़ी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की 75 हजार करोड़ की इस महत्वाकांक्षी परियोजना से प्रदेश के 11 जिले गुना, शिवपुरी, सीहोर, देवास, राजगढ़, उज्जैन, आगर मालवा, इंदौर, शाजापुर, मंदसौर और मुरैना के 2094 गांवों में लगभग 6 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी।
पेयजल एवं औद्योगिक आपूर्ति के लिए जल भी उपलब्ध होगा। योजना में मध्यप्रदेश में 21 बांध एवं बैराज बनाए जाएंगे। योजना अंतर्गत प्रदेश में कराए जाने कार्यों की लागत लगभग 36 हजार 800 करोड़ रुपए है। परियोजना के क्रियान्वयन से मध्यप्रदेश के कुल लगभग 6.11 लाख हेक्टेयर नवीन क्षेत्र में सिंचाई एवं पेयजल व उद्योगों के लिए लगभग 172 मि.घ.मी. जल का प्रावधान किया गया है। परियोजना से लगभग 40 लाख परिवार लाभांवित होंगे।
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संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना में मध्यप्रदेश से प्रारम्भ होने वाली पार्वती, कूनो, कालीसिंध, चंबल, क्षिप्रा एवं सहायक नदियों के जल का अधिकतम उपयोग किया जायेगा। केन्द्र सरकार के सहयोग से बनने वाली इस परियोजना का कार्य आगामी 05 वर्ष में पूर्ण कर लिया जाएगा। परियोजना अंतर्गत कुल 21 बांध, बैराज एवं बैलेंसिंग रिजर्वायर आदि का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। साथ ही परियोजना में मध्य प्रदेश एवं राजस्थान के मध्य मौजूदा चंबल दायीं मुख्य नहर (CRMC) एवं मध्य प्रदेश क्षेत्र में CRMC सिस्टम को अंतिम छोर तक नवीकरण एवं आधुनिकीकरण हेतु प्रावधान रखा गया है, जिससे मध्य प्रदेश के श्योपुर, मुरैना, भिण्ड जिलों को सिंचाई एवं पेयजल हेतु आवंटित जल प्राप्त हो सकेगा।
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जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार के मंत्री, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान के मुख्यमंत्री और दोनों राज्यों के अपर मुख्य सचिव एवं सचिव की उपस्थिति में दिनांक 28 जनवरी 2024 को परियोजना की डी.पी. आर. तैयार करने हेतु एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश की श्रीमंत माधवराव सिंधिया सिंचाई कॉम्पलेक्स की 06 परियोजनाओं की डीपीआर तैयार कर राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण, भारत सरकार को प्रेषित की जा चुकी है।
संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना सह पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का भारत सरकार से प्राप्त ड्राफ्ट समझौता अनुबंध (MOA) को मध्य प्रदेश शासन द्वारा संशोधन उपरांत भारत सरकार को 25 अक्टूबर 2024 को प्रेषित कर अनुरोध किया गया था कि मध्यप्रदेश के बिन्दुओं (कार्यों) को MOA में समावेश कर अंतिम रूप दिये ड्राफ्ट समझौता अनुबंध (MOA) को मध्य प्रदेश शासन को भेजें, जिससे अंतिम ड्राफ्ट (MOA) पर शासन से अनुमोदन प्राप्त किया जा सके।