Site icon SHABD SANCHI

पैरेंटिंग में गर्ल्स चाइल्ड को दें सेल्फ-डिफेंस एजुकेशन Parenting for Girl Child : Teach Self-Defense, Techniques & Alertness

Parenting for Girl Child Teach Self-Defense, Techniques & Alertness – आज के समय में हर माता-पिता की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे अपनी बेटियों को न केवल पढ़ाई और संस्कार दें, बल्कि उन्हें आत्म-सुरक्षा यानी सेल्फ-डिफेंस के प्रति भी जागरूक करें। बढ़ते अपराध, यौन शोषण, स्कूल या बाहर के असुरक्षित माहौल को देखते हुए बेटियों को आत्मनिर्भर बनाना अब एक आवश्यकता बन गई है, न कि केवल विकल्प। पैरेन्टिंग का यह नया दृष्टिकोण बेटियों में कॉन्फिडेंस, साहस और स्मार्ट अलर्टनेस विकसित करता है, जिससे वे किसी भी मुश्किल परिस्थिति में खुद को बचा सकें और दूसरों को भी सतर्क कर सकें।

क्यों ज़रूरी है सेल्फ-डिफेंस एजुकेशन ?
सुरक्षा की गारंटी नहीं है – स्कूल, बस स्टॉप, ट्यूशन या ऑनलाइन इंटरैक्शन,कोई भी जगह 100% सुरक्षित नहीं।
कानूनी सहायता देर से पहुंचती है – कई बार जब तक मदद मिलती है, तब तक बहुत कुछ हो चुका होता है।
स्ट्रॉन्ग माइंडसेट बनता है – सेल्फ-डिफेंस ट्रेनिंग से लड़कियां शारीरिक ही नहीं, मानसिक रूप से भी मजबूत बनती हैं। बुलीइंग या टीनएज हरासमेंट से निपटना आसान होता है।

कौन-कौन सी बेसिक सेल्फ-डिफेंस तकनीकें सिखाएं ?

सेल्फ-डिफेंस की ट्रेनिंग कहां से और कैसे दिलाएं ?

महत्वपूर्ण उपयोगी टिप्स कि ऐसे में पैरेंट्स क्या करें ?

अलर्टनेस और डिजिटल सेफ्टी भी सिखाएं

विशेष – Conclusion
बेटियों को आत्म-रक्षा की शिक्षा देना उन्हें डर से नहीं, सशक्त बनाने का माध्यम है। आज की लड़कियां कल की समाज निर्माता हैं, उन्हें सुरक्षा देने का सबसे सशक्त तरीका है, उन्हें खुद सक्षम बनाना। पैरेंटिंग का यह सकारात्मक बदलाव न केवल उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा, बल्कि एक आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बेटी की नींव रखेगा।

Exit mobile version