पूर्णिया सीट महागठबंधन में गले की फंस बनती जा रही है. कांग्रेस की फटकार के बाद भी पप्पू यादव (Pappu Yadav) पीछे हटने `को तैयार नहीं हैं. अब उन्होंने ऐलान किया है कि वो 4 अप्रैल को पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर नामांकन करेंगे। उन्होंने राजद सुप्रीमों लालू यादव (Lalu yadav) से आग्रह किया है कि वो पूर्णिया की सीट कांग्रेस के लिए छोड़ दें.
पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने कहा कि मैं भी आपका ही परिवार हूँ लालू जी. सिर्फ 4 बच्चों को फॅमिली मत समझिए। पूर्णिया सीट कांग्रेस को दे दीजिए।
बता दें कि पहले लालू यादव ने बीमा भारती को वहां से उम्मीदवार घोषित किया। फिर सीट शेयरिंग में यह सीट RJD कोटे में राखी। पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने अपनी पार्टी जाप को कांग्रेस में इसलिए विलय कराया था कि उन्हें पूर्णिया से टिकट मिलेगा।
पप्पू यादव बोले-मेरे संस्कार कमजोरी न समझें
पप्पू यादव (Pappu Yadav ने कहा कि हमने अपने नेता को अपनी भगवान बता दी है. हम उनके निर्णय का इन्तजार कर रहे हैं,इसलिए हमने नॉमिनेशन की तारीख 2 से बढाकर 4 अप्रैल कर दिया है. अपने नेता के विश्वास और पूर्णिया की जनता के भरोसे पर हमने नॉमिनेशन करने का निर्णय लिया है.
उन्होंने कहा कि लोग मेरे पीठ में खंजर भौंकने का लगातार प्रयास कर रहे हैं. बिना कसूर के कुछ लोग मुझे मेरे ही घर से बेदखल करने का प्रयास कर रहे हैं. पप्पू यादव ने कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि आप ही के परिवार का हिस्सा हूं. मैं भी आपको अपना परिवार मानता हूं आप भले अपने तीन-चार बच्चों को ही अपना परिवार।
पप्पू यादव ने कहा कि पहले भी लालू परिवार जब-जब संकट में रहा, मैंने नैतिक रूप से नहीं, शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से उनके साथ खड़ा हूं.
पूर्णिया से जीवन और मौत का रिश्ता
पप्पू यादव ने एक बार फिर से दोहराया कि पूर्णिया से उनका रिश्ता जीवन और मौत का है. पुर्णिया से मेरे रिश्ते को कोई भी खत्म नहीं कर सकता है. पूर्णिया की जनता मेरे लिए भगवान है. जाति को आधार बनाकर मैंने कभी चुनाव नहीं लड़ा. व्यक्तिगत रूप से मधेपुरा ,सुपौल या गठबंधन की राजनीती मेरे लिए मैटर नहीं है.
उन्होंने कहा कि लालू यादव (Lalu yadav) से आग्रह है कि सीमांचल को जीतने का प्रयास करें। एनडीए को मजबूत ना करें। सीमांचल में जीत के लिए पूर्णिया केंद्र है. सीमांचल और पूर्णिया मेरा घर है. मेरे घर से आँख दिखाकर कोई जात पात का ठेकेदार निकालेगा तो यहां की जनता उसे सबका सिखाएगी। मेरे संस्कार को कोई कमजोर न समझे।